क्या अमेरिका मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकी संगठन घोषित करने के करीब है?

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क्या अमेरिका मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकी संगठन घोषित करने के करीब है?

सारांश

क्या अमेरिका मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकवादी संगठन घोषित करने जा रहा है? जानिए इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट में जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ा कदम हो सकता है।

Key Takeaways

  • मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकवादी संगठन घोषित करने का प्रस्ताव है।
  • यह कदम अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
  • द्विदलीय सहमति इस मुद्दे पर बढ़ती है।
  • संस्थान जैसे हेरिटेज फाउंडेशन और आईसीएएन का समर्थन।
  • संगठन का इतिहास और इसकी कट्टरपंथी जड़ों का उल्लेख।

वॉशिंगटन, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका एक बार फिर 'मुस्लिम ब्रदरहुड' को आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता देने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। यह निर्णय न केवल अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर राजनीतिक इस्लामवाद के वैचारिक ढांचे से निपटने के प्रयासों को भी मजबूती प्रदान करेगा। यह जानकारी द कैपिटल इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट में सामने आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई के मध्य में रिपब्लिकन सांसद मारियो डियाज-बालार्ट और डेमोक्रेटिक सांसद जैरेड मॉस्कोविट्ज द्वारा एक द्विदलीय विधेयक पेश किया गया है, जिसमें मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग की गई है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, "यह द्विदलीय सहमति इस बढ़ती समझ को दर्शाती है कि मुस्लिम ब्रदरहुड, जो खुद को एक राजनीतिक आंदोलन के रूप में प्रस्तुत करता है, वास्तव में हामास से लेकर अल-कायदा जैसे हिंसक इस्लामी नेटवर्क का वैचारिक स्रोत है।"

इस विधेयक को अमेरिका के कई प्रमुख नीति संस्थानों का भी समर्थन प्राप्त है, जैसे कि हेरिटेज फाउंडेशन, इजरायली-अमेरिकन सिविक एक्शन नेटवर्क (आईसीएएन) और अमेरिकन मिडईस्ट कोएलिशन फॉर डेमोक्रेसी (एएमसीडी)। इन संगठनों ने लंबे समय से यह तथ्य उजागर किया है कि मुस्लिम ब्रदरहुड एक दोहरी रणनीति अपनाता है।

अमेरिकी सीनेटर टेड क्रूज़ इस प्रकार के विधेयकों के पुरानी समर्थक रहे हैं और 2015 से मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए विधेयक पेश करते आ रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम ब्रदरहुड का खतरा केवल एक राजनीतिक आंदोलन नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक परियोजना है, जिसकी जड़ें हसन अल-बन्ना और सैयद कुतुब की कट्टरपंथी सोच में हैं। 1928 में, मिस्र के सूफी प्रचारक हसन अल-बन्ना ने जामिया हसाफिया अल-खैरिया की स्थापना की, जिसका उद्देश्य इस्लामी खिलाफत की बहाली था।

1949 में अल-बन्ना की हत्या के बाद, सैयद कुतुब ने संगठन की कमान संभाली और एक ऐसा वैचारिक ढांचा तैयार किया, जिसने बाद में अल-कायदा और आईएसआईएस जैसे जिहादी संगठनों को प्रेरित किया।

रिपोर्ट में बताया गया है कि ओसामा बिन लादेन की मां ने स्वीकार किया था कि उनका बेटा अब्दुल्ला अज़्ज़ाम नामक फिलिस्तीनी ब्रदरहुड सदस्य के संपर्क में आने के बाद कट्टरपंथी बना। अज़्ज़ाम ने उसे जेद्दाह की किंग अब्दुलअज़ीज़ यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया था। वहीं, अल-कायदा के वर्तमान प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी की शुरुआत भी मुस्लिम ब्रदरहुड से हुई थी।

Point of View

यह स्थिति अमेरिका की सुरक्षा नीति को लेकर एक गंभीर चर्चा का विषय है। मुस्लिम ब्रदरहुड का बढ़ता प्रभाव और इसके साथ जुड़ी वैश्विक चुनौतियाँ, अमेरिका को इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
NationPress
03/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या मुस्लिम ब्रदरहुड वास्तव में एक आतंकवादी संगठन है?
विभिन्न देशों के दृष्टिकोण से, मुस्लिम ब्रदरहुड के संबंध में मतभेद हैं। कुछ इसे राजनीतिक संगठन मानते हैं, जबकि अन्य इसे आतंकवादी तत्वों से जोड़ते हैं।
अमेरिका इस संगठन को आतंकवादी क्यों घोषित करना चाहता है?
अमेरिका का मानना है कि मुस्लिम ब्रदरहुड हिंसक इस्लामी नेटवर्क का एक वैचारिक स्रोत है, जो राष्ट्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा है।