क्या मोजाम्बिक की प्रधानमंत्री और आइसलैंड की राष्ट्रपति पेइचिंग पहुंचीं?

सारांश
Key Takeaways
- महिलाओं का सशक्तिकरण एक वैश्विक आवश्यकता है।
- चीन और मोजाम्बिक के बीच सहयोग निरंतर बढ़ रहा है।
- पारंपरिक मित्रता महिलाओं के विकास में सहायक है।
- आइसलैंड की महिलाओं का योगदान भी महत्वपूर्ण है।
- वैश्विक मंचों पर महिलाओं की आवाज़ को सशक्त बनाना आवश्यक है।
बीजिंग, 12 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। मोजाम्बिक की प्रधानमंत्री मारिया बेनविंडा डेल्फिना लेवी और आइसलैंड की राष्ट्रपति हल्ला टॉमसडॉटिर 11 अक्टूबर को चीन की राजधानी पेइचिंग पहुंचीं। वे पेइचिंग में आयोजित होने वाले वैश्विक महिला शिखर सम्मेलन में भाग लेंगी।
यह ध्यान देने योग्य है कि चीन और मोजाम्बिक की महिलाओं के बीच एक मजबूत परंपरागत मित्रता है। 70 के दशक में अखिल-चीन महिला संघ ने मोजाम्बिक महिला संगठन को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की थी। वर्ष 1995 में आयोजित पेइचिंग विश्व महिला सम्मेलन ने मोजाम्बिक में महिलाओं के कार्य को प्रोत्साहित किया। इसके बाद, वर्ष 2019 में उष्णकटिबंधीय चक्रवात इडाई मोजाम्बिक में आया, जिससे भारी नुकसान हुआ।
चीन ने वैश्विक विकास और दक्षिण-दक्षिण सहयोग कोष के माध्यम से यूएनएफपीए के साथ मिलकर इडाई से प्रभावित मोजाम्बिक की महिलाओं और लड़कियों को चिकित्सा सहायता प्रदान की।
वहीं, चीन और आइसलैंड की महिलाएं अपने देशों के निर्माण और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाती हैं। वर्षों से, दोनों देशों के महिला समुदायों के बीच मित्रवत संबंध बने हुए हैं। अखिल-चीन महिला संघ और आइसलैंडिक महिला संगठन के बीच संबंधों का विकास चीन-आइसलैंड मित्रता में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)