क्या मुकेश सहनी ने महागठबंधन में नाराजगी की बात स्वीकारी?

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन में अस्वस्थता के संकेत
- मुकेश सहनी ने नाराजगी व्यक्त की
- बिहार के विकास के लिए सहयोगी दलों का एकजुट होना आवश्यक है
- आगामी चुनावों के लिए गठबंधन की मजबूती
- जनता की अपेक्षाएँ और समावेशी शासन
पटना, १२ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस संदर्भ में, राजनीतिक दल चुनावी मैदान में जीतने के लिए अपनी-अपनी रणनीतियाँ बना रहे हैं। उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा की जा रही है और स्टार प्रचारकों की सूची तैयार की जा रही है।
इस बीच, महागठबंधन में कुछ गड़बड़ी प्रतीत हो रही है। यह संकेत पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी के उस बयान से मिलता है, जिसमें उन्होंने महागठबंधन से अपनी नाराजगी स्वीकार की है। उन्होंने रविवार को पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि महागठबंधन थोड़ा अस्वस्थ है, क्योंकि सभी डॉक्टर दिल्ली में हैं। इसलिए, वे वहाँ जा रहे हैं ताकि सही इलाज हो सके।
हालांकि, इससे पहले मुकेश सहनी ने कहा था कि महागठबंधन में सब कुछ ठीक है और सभी सहयोगी दल बिहार के विकास के लिए एकजुट होकर कार्य करेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की विचारधारा को आधार बनाकर बिहार को विकसित करने का संकल्प दोहराया।
मुकेश सहनी ने कहा कि गठबंधन के सभी दलों को जनता की पुकार सुननी होगी और इसके लिए सभी को त्याग की भावना के साथ आगे बढ़ना होगा। महागठबंधन के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा, “हम सभी लालू प्रसाद यादव की विचारधारा को मानने वाले हैं। वीआईपी, कांग्रेस, राजद और अन्य सहयोगी दल मिलकर एक विकसित बिहार का निर्माण करेंगे। हम अटूट हैं और मजबूती के साथ बिहार में सरकार बनाएंगे। गठबंधन बिहार में मजबूत स्थिति में चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है।
सभी सहयोगी दलों को जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए मिलकर काम करना होगा। बिहार की जनता अब इस गठबंधन से विकास और समावेशी शासन की उम्मीद कर रही है।