क्या म्यांमार से चल रहा ऑनलाइन धोखाधड़ी का खेल, भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता है?

Click to start listening
क्या म्यांमार से चल रहा ऑनलाइन धोखाधड़ी का खेल, भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता है?

सारांश

म्यांमार में चल रहे ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामलों ने भारत को एक बार फिर सावधान कर दिया है। सीमावर्ती क्षेत्रों में फैले साइबर घोटालों से भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, जानें इस रिपोर्ट में।

Key Takeaways

  • म्यांमार में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाएँ चिंता का विषय हैं।
  • भारत को साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता है।
  • जागरूकता फैलाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।

नई दिल्ली, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) म्यांमार में साइबर अपराधियों के खिलाफ की जा रही व्यापक कार्रवाई के बीच, भारत को चीन-म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित कई साइबर घोटाले केंद्रों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है, जो भारतीय नागरिकों को निशाना बनाते हैं।

इंडिया नैरेटिव की रिपोर्ट के अनुसार, कायिन राज्य, वा क्षेत्र और चीन-म्यांमार सीमा के आस-पास के ये केंद्र, जहाँ केंद्र सरकार की पहुँच सीमित है, पीड़ितों को फर्जी ऑनलाइन नौकरी के विज्ञापनों से आकर्षित करते हैं, उनके पासपोर्ट जब्त करते हैं और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी और रोमांस घोटाले के लिए मजबूर करते हैं।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि नई दिल्ली, बीजिंग और बैंकॉक ने नेपीता से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

म्यांमार के सैन्य सूचना मंत्रालय ने बताया कि उनकी फोर्स ने पिछले पांच वर्षों से चल रहे ऑनलाइन धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी के पर्याय के रूप में जाने जाने वाले केके पार्क को मुक्त कर दिया है। २,००० से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और इस घोटाले में संचार के लिए प्रयुक्त लगभग ३० स्टारलिंक सैटेलाइट टर्मिनल को जब्त किया गया।

ये साइबर हब भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। इस वर्ष मार्च में विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की थी कि म्यांमार सहित दक्षिण पूर्व एशिया में साइबर घोटाले के ठिकानों से लगभग ३०० नागरिकों को बचाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, बाद में थाईलैंड के रास्ते ५४० लोगों को वापस लाया गया।

वास्तव में, सशस्त्र समूहों पर नियंत्रण, भ्रष्टाचार और विदेशी आपराधिक निवेश का मिश्रण कायिन राज्य (म्यांमार) को साइबर अपराध का केंद्र बना देता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार की सेना के केके पार्क पर छापेमारी पड़ोसी देशों को संकेत देती है कि वह सीमा सुरक्षा लागू कर सकता है और आपराधिक-मिलिशिया गतिविधियों को नियंत्रित कर सकता है। हालाँकि, चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं क्योंकि इन ठिकानों के पीछे का नेटवर्क सीमा पार तस्करी और क्रिप्टो-धोखाधड़ी में गहराई से जुड़े हुए हैं।

— राष्ट्र प्रेस

Point of View

यह स्पष्ट है कि म्यांमार के साइबर अपराधों का प्रभाव भारत पर पड़ रहा है। हमें इन घोटालों से बचने के लिए जागरूक रहना होगा और सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।
NationPress
25/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत को म्यांमार के साइबर घोटालों से कैसे बचना चाहिए?
भारत को अपनी साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।
क्या म्यांमार में ऑनलाइन धोखाधड़ी बढ़ रही है?
हाँ, म्यांमार में साइबर अपराधों में वृद्धि देखी जा रही है, जिसके लिए कार्रवाई की जा रही है।
कितने भारतीय नागरिक म्यांमार से बचाए गए हैं?
इस वर्ष लगभग 300 भारतीय नागरिक म्यांमार से बचाए गए हैं।