क्या नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़की जेनजी के विरोध का असर होगा?

Click to start listening
क्या नेपाल में सोशल मीडिया बैन के खिलाफ भड़की जेनजी के विरोध का असर होगा?

सारांश

नेपाल में सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने के बाद युवाओं ने राजधानी काठमांडू में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। जानें, इस विरोध का कारण और प्रधानमंत्री केपी ओली की प्रतिक्रिया। क्या यह आंदोलन नेपाल की राजनीतिक तस्वीर को बदलने में सक्षम होगा?

Key Takeaways

  • सोशल मीडिया बैन ने युवा वर्ग को एकजुट किया।
  • प्रदर्शन ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
  • कर्फ्यू ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।
  • प्रधानमंत्री ने इसे एक सुनियोजित विद्रोह बताया।
  • भ्रष्टाचार और बेरोजगारी पर चर्चा के लिए युवाओं ने आवाज उठाई।

काठमांडू, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत कई सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद जेनरेशन जी (18 से 30 वर्ष) के हजारों युवा सोमवार को राजधानी काठमांडू की सड़कों पर उतर आए। प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं ने न्यू बानेश्वर स्थित संसद भवन परिसर में घुसने का प्रयास किया।

प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स को तोड़ने और आगजनी की कोशिश की, जिसके कारण सुरक्षाबलों ने वाटर कैनन का प्रयोग किया। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। कुछ प्रदर्शनकारी घायल होने की खबरें आई हैं।

स्थिति को देखते हुए काठमांडू जिला प्रशासन ने दोपहर 12:30 बजे न्यू बानेश्वर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में रात 10 बजे तक कर्फ्यू लागू कर दिया।

नेपाल सरकार का कहना है कि 'रजिस्टर्ड' न होने की वजह से सोशल मीडिया साइट्स को बैन किया गया है, जबकि प्रदर्शनकारी युवाओं का कहना है कि देश में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी है और इसी पर सवाल उठाने के कारण प्रतिबंध लगाया गया है।

इस हिंसक आंदोलन के बाद पीएम केपी ओली ने कहा, ''मैंने एक सुनियोजित 'जेन जी विद्रोह' के बारे में सुना है। हम सोशल मीडिया के खिलाफ नहीं हैं, बल्कि अराजकता, अहंकार और अपने देश को नीचा दिखाने के खिलाफ हैं। जो बात स्वीकार नहीं की जा सकती, वह यह है कि जो लोग नेपाल में व्यापार करते हैं, पैसा कमाते हैं और फिर भी कानून का पालन नहीं करते।''

नेपाल पीएमओ के अनुसार, पीएम केपी ओली ने कहा कि कानून और संविधान की अवहेलना करने और राष्ट्रीय गरिमा, स्वतंत्रता और संप्रभुता का अनादर करने को कैसे स्वीकार किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक साल से हमने सोशल नेटवर्क साइट्स को कहा कि कानून के तहत पंजीकरण कराएं, टैक्स चुकाएं और जवाबदेह बनें। उन्होंने जवाब दिया, 'हमें आपका संविधान नहीं पता।' फिर बुद्धिजीवी शिकायत करते हैं कि चार नौकरियां चली गईं, लेकिन क्या चार नौकरियां राष्ट्रीय स्वाभिमान से बड़ी हैं? हो सकता है कि चार नौकरियां चार दिनों के लिए चली जाएं, लेकिन नई नौकरियां आएंगी। वे एक साथ ऑपरेटर, प्रबंधक और उपभोक्ता नहीं हो सकते।''

केपी ओली ने सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के अधिवेशन के अंतिम दिन पार्टी प्रतिनिधियों को संबोधित किया। ओली ने कहा कि पार्टी हमेशा विसंगतियों और अहंकार का विरोध करेगी और राष्ट्र को कमजोर करने वाले किसी भी कार्य को कभी स्वीकार नहीं करेगी।

'द काठमांडू पोस्ट' के अनुसार, 25 अगस्त को नेपाल कैबिनेट ने निर्णय लिया कि सभी सोशल मीडिया ऑपरेटर्स को सोशल मीडिया के उपयोग के नियमन संबंधी निर्देश, 2023 के तहत सात दिनों के भीतर पंजीकरण कराना होगा और यह समय सीमा 3 सितंबर को समाप्त हो गई। 4 सितंबर को नेपाल सरकार ने सभी अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर दिया।

नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण (एनटीए) ने 26 प्लेटफार्मों के नाम साझा किए, जिनमें फेसबुक, मैसेंजर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, व्हाट्सएप, एक्स, लिंक्डिन, स्नैपचैट, रेडिट, डिस्कॉर्ड, पिनटेरेस्ट, सिग्नल, थ्रेड्स, वीचैट, क्वोरा, टम्बलर, क्लबहाउस, मैस्टोडॉन, रंबल, वीके, लाइन, आईएमओ, ज़ालो, सोल और हैमरो पैट्रो शामिल हैं।

Point of View

बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन का संकेत है। हमें इस आंदोलन को समझने और इसके पीछे की मानसिकता को पहचानने की आवश्यकता है।
NationPress
11/12/2025
Nation Press