क्या ट्रंप के एपीईसी समिट में शामिल होने से पहले उत्तर कोरिया ने बैलिस्टिक मिसाइलें दागी?

सारांश
Key Takeaways
- उत्तर कोरिया द्वारा पांच महीने में पहली बार बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च किया गया।
- यह लॉन्च एपेक शिखर सम्मेलन से पहले हुआ है।
- मिसाइलों ने लगभग 350 किलोमीटर की दूरी तय की।
- यह अमेरिका के साथ सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा सकता है।
- यह उत्तर कोरिया का पहला लॉन्च है जो राष्ट्रपति ली जे म्युंग के पदभार ग्रहण के बाद हुआ।
सोल, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर कोरिया ने बुधवार को पिछले पांच महीनों में पहली बार बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। इस समय दक्षिण कोरिया में अगले हफ्ते एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन का आयोजन होने वाला है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल होंगे। ऐसे में, राष्ट्रपति की यात्रा से लगभग एक सप्ताह पहले उत्तर कोरिया ने यह कार्रवाई की।
योनहाप न्यूज एजेंसी के अनुसार, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने बताया कि उत्तर कोरिया के दक्षिणी उत्तरी ह्वांगहे के जुंगह्वा से सुबह लगभग 8:10 बजे कई छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें उत्तर-पूर्व की ओर दागी गईं।
जेसीएस ने कहा कि इन मिसाइलों ने लगभग 350 किलोमीटर की दूरी तय की। जीसीएस का मानना है कि यह अमेरिका की निगरानी करने के लिए सटीक विशेषताओं का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।
अधिकारी यह भी विचार कर रहे हैं कि ये वही सामरिक बैलिस्टिक मिसाइलें थीं जिनका परीक्षण उत्तर कोरिया ने सितंबर 2024 में किया था।
सूत्रों का मानना है कि इन मिसाइलों का गिरना पूर्वी सागर के बजाय अंतर्देशीय क्षेत्र में हुआ है। इससे पहले, उत्तर कोरिया ने 8 और 22 मई को पूर्वी सागर की दिशा में छोटी दूरी की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें दागी थीं।
जेसीएस ने एक रिलीज में कहा, "हमारी सेना ने संभावित अतिरिक्त लॉन्च के प्रति निगरानी बढ़ा दी है और अमेरिका और जापान के साथ जानकारी साझा करते हुए तत्परता बनाए रखा है।"
राष्ट्रपति ली जे म्युंग के पदभार ग्रहण करने के बाद से यह उत्तर कोरिया का पहला मिसाइल प्रक्षेपण है और इस वर्ष का पांचवां बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च है।
यह लॉन्च दक्षिण कोरिया द्वारा 31 अक्टूबर से 1 नवंबर तक आयोजित होने वाले एपेक शिखर सम्मेलन से पहले हुआ है, जिसमें राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी शामिल होंगे।
लगभग पांच महीनों में उत्तर कोरिया द्वारा किया गया यह पहला मिसाइल लॉन्च है। माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया उकसावे की गतिविधियों को जारी रखेगा, जबकि वह अमेरिका से परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र के रूप में मान्यता प्राप्त करने की कोशिश में लगा हुआ है।