क्या अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर तनाव फिर बढ़ रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच स्थिति गंभीर हो गई है।
- दोनों देशों के बीच गोलाबारी की घटनाएं बढ़ी हैं।
- सऊदी अरब के प्रयासों का कोई खास असर नहीं हुआ है।
- अफगान शरणार्थियों की संख्या बढ़ रही है।
- संघर्ष विराम की कोई ठोस योजना नहीं बनी है।
इस्लामाबाद, 6 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर एक बार फिर से तनाव देखा जा रहा है। हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच भारी गोलीबारी की घटनाएं सामने आई हैं। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर झड़प शुरू करने का आरोप लगाया है।
ज्ञात हो कि सऊदी अरब भी दोनों देशों के बीच सुलह कराने की कोशिशें कर रहा है, लेकिन इन प्रयासों का कोई खास असर नहीं दिख रहा है। शुक्रवार रात को काबुल और इस्लामाबाद के बीच हुई इस झड़प ने सीजफायर के नए प्रयासों को विफल कर दिया।
अफगानिस्तान की सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि पाकिस्तान ने शुक्रवार को कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले में हमले किए। इसके जवाब में अफगान सेना ने कार्रवाई की।
मुजाहिद ने एक्स पर पोस्ट किया, "दुर्भाग्य से, आज शाम पाकिस्तानी पक्ष ने एक बार फिर कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में अफगानिस्तान की ओर हमले किए, जिसके बाद इस्लामिक अमीरात सेना को जवाब देना पड़ा।"
पाकिस्तान मीडिया डॉन के अनुसार, क्वेटा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 10 बजे गोलीबारी शुरू हुई और यह देर रात तक जारी रही। पाकिस्तान के चमन जिला अस्पताल के अधीक्षक मुहम्मद ओवैस के अनुसार, एक महिला समेत तीन लोग घायल अवस्था में अस्पताल लाए गए थे।
इससे पहले, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता के लिए तुर्किए और कतर ने प्रयास किए थे। दोनों पक्षों के बीच कतर और तुर्किए की मध्यस्थता में तीन दौर की बैठकें हुई, लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लंबे समय तक संघर्ष विराम के स्थायी उपायों पर सहमति नहीं बन पाई है। दरअसल, दोनों देशों के बीच एक अस्थिर सीमा है, जहां पिछले एक महीने से भारी लड़ाई चल रही है। इस्लामाबाद पर अफगानिस्तान के अंदर कई हवाई हमले करने का आरोप भी लगाया गया है।
इसके साथ ही, पाकिस्तान से बड़ी संख्या में अफगान शरणार्थियों के निकाले जाने की खबरें भी लगातार आ रही हैं। लाखों अफगान नागरिक पाकिस्तान छोड़ने पर मजबूर हो रहे हैं।