क्या पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जमानत दी?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान की जमानत याचिका मंजूर की।
- यह फैसला पीटीआई और इमरान खान के लिए महत्वपूर्ण है।
- लाहौर उच्च न्यायालय के निर्णयों पर सवाल उठाए गए थे।
- इमरान खान पर कई अन्य मामलों में भी आरोप हैं।
- इस फैसले का राजनीतिक स्थिरता पर प्रभाव पड़ सकता है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की 9 मई, 2023 के दंगों से जुड़े 8 मामलों में दायर जमानत याचिका को मंजूरी दे दी है। यह फैसला इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के नेताओं एवं समर्थकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) याह्या अफरीदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। न्यायमूर्ति मुहम्मद शफी सिद्दीकी और मियांगुल हसन औरंगजेब भी पीठ का हिस्सा थे।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने अभियोजक जुल्फिकार नकवी से सवाल किया, "क्या जमानत के मामले में कोई अंतिम टिप्पणी की जा सकती है?" 12 अगस्त को सुनवाई के दौरान, उन्होंने लाहौर उच्च न्यायालय की टिप्पणियों पर सवाल उठाया और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय किसी भी पक्ष को प्रभावित करने वाली टिप्पणियाँ नहीं करेगा।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "क्या इस मामले में वरीयता का सिद्धांत लागू नहीं होगा?" अभियोजक ने उत्तर दिया कि जमानत के मामलों में अदालत की टिप्पणियाँ हमेशा अंतरिम होती हैं।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "हम मामले के गुण-दोष पर बहस नहीं करने देंगे।" इसके बाद उन्होंने अपना फैसला सुनाया।
पीटीआई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस फैसले को इमरान खान की जीत बताया है।
नवंबर 2024 में, लाहौर की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने 9 मई, 2023 के दंगों में इमरान खान को जमानत देने से इनकार कर दिया था। लाहौर उच्च न्यायालय ने भी 24 जून को उनकी जमानत याचिका खारिज की थी, जिसके बाद इमरान खान ने सर्वोच्च न्यायालय में जमानत की याचिका दायर की थी।
इमरान खान पर अन्य मामलों में भी आरोप हैं, जिनमें सरकारी उपहारों से संबंधित 19 करोड़ पाउंड का भ्रष्टाचार मामला शामिल है, और वह अगस्त 2023 से जेल में हैं।