क्या पाकिस्तान में 27वें संविधान संशोधन का अदालत में विरोध चल रहा है?

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क्या पाकिस्तान में 27वें संविधान संशोधन का अदालत में विरोध चल रहा है?

सारांश

पाकिस्तान में 27वें संविधान संशोधन के खिलाफ अदालतों में व्यापक विरोध देखने को मिल रहा है। कई जजों ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। क्या यह स्थिति पाकिस्तान में न्याय व्यवस्था को प्रभावित करेगी?

Key Takeaways

  • पाकिस्तान में 27वें संविधान संशोधन का विरोध हो रहा है।
  • कई जजों ने इस्तीफा दिया है।
  • वकीलों का भी विरोध चल रहा है।
  • संविधान के अनुसार, जजों की नियुक्ति अब सरकार द्वारा होगी।
  • संशोधन से फेडरल कांस्टीट्यूशनल कोर्ट की स्थापना होगी।

नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के संविधान में 27वें संशोधन के खिलाफ वकीलों और जजों ने अदालतों में विरोध प्रदर्शन किया है। इस संशोधन के लागू होने के बाद से, कई जजों ने इस्तीफा दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीशों ने भी इस्तीफा दिया है, और वकीलों की तरफ से भी विरोध का समाना किया जा रहा है।

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, लाहौर हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस शम्स महमूद मिर्जा ने शनिवार को इस्तीफा दिया। महमूद मिर्जा, हाई कोर्ट से इस्तीफा देने वाले पहले जज बने हैं।

जस्टिस मिर्जा को मार्च 2014 में एलएचसी का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था, और उनकी सेवानिवृत्ति 6 मार्च 2028 को होनी थी। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस मंसूर अली शाह और जस्टिस अतहर मिनल्लाह ने भी इस संशोधन की कड़ी निंदा करते हुए इस्तीफा दे दिया है।

पाकिस्तान के पूर्व अटॉर्नी जनरल मखदूम अली खान ने चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान अफरीदी को पाकिस्तान के कानून और न्याय आयोग से अपना इस्तीफा सौंप दिया।

इस संशोधन के अनुसार, सभी संवैधानिक मामलों को अदालतों से हटाकर फेडरल कांस्टीट्यूशनल कोर्ट (एफसीसी) में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके तहत, जजों की नियुक्ति भी अब सरकार द्वारा की जाएगी।

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, 27वें संशोधन में आखिरी समय में कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके तहत वर्तमान चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान (सीजेपी) याह्या अफरीदी अपने कार्यकाल के दौरान सीजेपी के पद पर बने रहेंगे। अफरीदी ने अक्टूबर 2024 में 30वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी, और उनका कार्यकाल तीन साल बाद समाप्त होगा।

संशोधन के अनुसार सीजेपी का अर्थ दोनों मुख्य न्यायाधीशों में से वरिष्ठ न्यायाधीश है। यह प्रावधान अफरीदी के सेवानिवृत्त होने के बाद लागू होगा।

Point of View

ताकि कानून और न्याय का शासन बना रहे। हमें हमेशा राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देनी चाहिए।
NationPress
15/11/2025

Frequently Asked Questions

27वें संविधान संशोधन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य सभी संवैधानिक मामलों को अदालतों से हटाकर फेडरल कांस्टीट्यूशनल कोर्ट में स्थानांतरित करना है।
कितने जजों ने इस्तीफा दिया है?
अब तक कई जजों ने इस्तीफा दिया है, जिनमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के न्यायाधीश शामिल हैं।
जस्टिस महमूद मिर्जा का क्या महत्व है?
जस्टिस महमूद मिर्जा लाहौर हाई कोर्ट से इस्तीफा देने वाले पहले जज हैं।
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