क्या पाकिस्तान की 'ट्रांसनेशनल रिप्रेशन' मुहिम विरोधियों को चुप कराने का प्रयास है?

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क्या पाकिस्तान की 'ट्रांसनेशनल रिप्रेशन' मुहिम विरोधियों को चुप कराने का प्रयास है?

सारांश

पाकिस्तान में असंतोषियों के विरुद्ध ट्रांसनेशनल रिप्रेशन का बढ़ता अभियान ब्रिटेन में चिंता का विषय बन गया है। इस रिपोर्ट में उत्पीड़न, धमकी और इंटरपोल के दुरुपयोग जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला गया है। क्या अब यूके पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराएगा? जानिए इस गंभीर स्थिति के बारे में।

Key Takeaways

  • पाकिस्तान में असंतोषियों पर बढ़ता उत्पीड़न
  • यूके में मानवाधिकार पर खतरे
  • इंटरपोल के दुरुपयोग की चिंताएँ
  • ब्रिटिश सरकार की जवाबदेही का मुद्दा
  • पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के लिए खतरे

इस्तांबुल, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान में असंतोषियों, विशेषकर यूनाइटेड किंगडम (यूके) में, के विरुद्ध ट्रांसनेशनल रिप्रेशन (टीएनआर) का बढ़ता अभियान देखा गया है। इसमें उत्पीड़न, धमकी, शारीरिक हिंसा और इंटरपोल 'रेड नोटिस' का दुरुपयोग शामिल है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।

ब्रिटिश संसद की मानवाधिकार संबंधी संयुक्त समिति की अंतरराष्ट्रीय दमन पर एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी सरकारों ने ब्रिटेन में राजनीतिक विरोधियों पर नियंत्रण स्थापित करने का प्रयास किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 से पाकिस्तान उन देशों में से एक बन गया है जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय दमन (टीएनआर) को और तेज कर दिया है। यूके की खुफिया एजेंसी एमआई5 ने ऐसे खतरों में 48 प्रतिशत की बढ़ोतरी की सूचना दी है।

समिति के अध्यक्ष लॉर्ड एल्टन ने चेतावनी दी कि टीएनआर ब्रिटेन में अपने नागरिकों और सुरक्षा चाहने वालों के मानवाधिकारों की रक्षा की क्षमता को कमजोर कर रहा है। यह जानकारी ग्लोबल पॉलिसी रिसर्च संस्था 'जियोपोलिस्ट' की एक रिपोर्ट में दी गई है।

पाकिस्तान के वर्तमान शासन को बार-बार निर्वासित आलोचकों को चुप कराने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है, "क्या अब यूके इस्लामाबाद को जवाबदेह ठहराएगा?" रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 में पाकिस्तान ने 'प्रिवेंशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक क्राइम्स एक्ट (पीईसीए)' कानून बनाया था, जिसका उद्देश्य हैकिंग, डेटा चोरी, ऑनलाइन जबरन वसूली, ऑनलाइन उत्पीड़न और गलत जानकारी फैलाने जैसे मुद्दों का समाधान करना था।

जनवरी 2025 में, इस कानून में संशोधन किया गया, जिससे अधिकारियों को कथित रूप से गलत सूचना फैलाने के लिए पत्रकारों को गिरफ्तार करने, उन पर आरोप लगाने और उन्हें जेल में डालने का अधिकार मिला। इसके अतिरिक्त, "मानहानि और झूठी खबरें फैलाने" के लिए भारी जुर्माने और दंड लागू किए गए। रिपोर्ट में बताया गया है कि ये कठोर कानून अब पाकिस्तान की सीमाओं को पार कर चुके हैं।

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि ब्रिटेन में निर्वासित पाकिस्तान के डॉक्यूमेंट्री निर्माता और मानवाधिकार कार्यकर्ता रोशन खट्टक ने पाकिस्तानी सरकार द्वारा किए जाने वाले अनियमितताओं और मानवाधिकारों के हनन की सार्वजनिक रूप से निंदा की है। बलूचिस्तान में जबरन गायब किए गए लोगों पर उनके रिसर्च ने पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) को नाराज कर दिया। यूके में रहते हुए उन्हें धमकी भरे संदेश भी मिले थे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान के वर्तमान शासन की मुहिम से मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस पर ध्यान दे और पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराए।
NationPress
02/08/2025

Frequently Asked Questions

ट्रांसनेशनल रिप्रेशन क्या है?
ट्रांसनेशनल रिप्रेशन (टीएनआर) का अर्थ है किसी देश द्वारा अपने असंतुष्टों या राजनीतिक विरोधियों को विदेशी धरती पर उत्पीड़ित करना।
पाकिस्तान ने टीएनआर को क्यों अपनाया?
पाकिस्तान ने टीएनआर को अपनाया है ताकि वह अपने विरोधियों को चुप करा सके और अपनी नीतियों का विरोध करने वालों को डराए।
यूके में पाकिस्तानी विरोधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है?
यूके में पाकिस्तानी विरोधियों के खिलाफ उत्पीड़न, धमकी, और इंटरपोल के रेड नोटिस का दुरुपयोग किया जा रहा है।
क्या ब्रिटिश सरकार इस पर कुछ करेगी?
ब्रिटिश सरकार पर दबाव है कि वह पाकिस्तान को इस मामले में जवाबदेह ठहराए और अपने नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा करे।
टीएनआर का प्रभाव क्या है?
टीएनआर का प्रभाव लोगों के मानवाधिकारों पर पड़ता है, जिससे वे अपने विचारों को व्यक्त करने में डरने लगते हैं।