क्या पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में चार नागरिकों का अपहरण किया?

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क्या पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान में चार नागरिकों का अपहरण किया?

सारांश

क्वेटा से आ रही एक रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा चार नागरिकों के अपहरण की पुष्टि हुई है। यह घटना मानवाधिकार उल्लंघनों की बढ़ती लहर को दर्शाती है, जो बलूचिस्तान में नागरिकों के लिए चिंता का विषय है। जानिए इस विषय पर और क्या जानकारी मिली है।

Key Takeaways

  • पाकिस्तानी सेना द्वारा बलूच नागरिकों का अपहरण बढ़ रहा है।
  • मानवाधिकार उल्लंघनों की बढ़ती लहर को दर्शाता है।
  • स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा को खतरा।
  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • बलूचिस्तान में संघर्ष की स्थिति बनी हुई है।

क्वेटा, 30 सितम्बर (राष्ट्र प्रेस)। एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने मंगलवार को जानकारी दी है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना ने कम से कम चार बलूच नागरिकों को जबरन गायब कर दिया है। यह घटना प्रांत में जबरन गायब होने की बढ़ती लहर के बीच उत्पीड़न के चक्र को और भी बढ़ा रही है।

बलूच राष्ट्रीय आंदोलन के मानवाधिकार विभाग, पांक ने बताया कि 27 सितंबर को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने केच ज़िले के गिल्ली बुलेदा के दो निवासियों का अपहरण कर लिया।

एक दिहाड़ी मज़दूर, मुराद जान को उसके खेत जाते समय जबरन गायब किया गया, जबकि अब्दुल हकीम को उसी इलाके में उसके घर से अगवा किया गया।

दो दिन बाद, 29 सितंबर को, केच ज़िले के बुलेदा तहसील के गरदंक के एक दुकानदार शेर अली को भी पाकिस्तानी सेना ने जबरन गायब कर दिया।

इसके अलावा, मंगलवार को, सीमा पार व्यापार में लगे एक ड्राइवर और पंजगुर ज़िले के पारूम निवासी निज़ार अर्ज मुहम्मद को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बुलेदा से जबरन गायब कर दिया, और उनका ठिकाना अज्ञात है।

पांक ने कहा, "ये लगातार अपहरण बलूचिस्तान में जबरन गायब होने के चल रहे चलन को उजागर करते हैं, जिसमें बिना किसी उचित प्रक्रिया या जवाबदेही के नागरिकों को निशाना बनाया जाता है।"

बलूच नागरिकों पर हो रहे अत्याचारों पर प्रकाश डालते हुए, पांक ने कहा कि सोमवार को पाकिस्तान समर्थित डेथ स्क्वॉड के सदस्यों ने पंजगुर के झाईन इलाके में गोलीबारी की, जिसमें दो स्थानीय निवासी घायल हो गए।

स्थानीय सूत्रों का हवाला देते हुए, मानवाधिकार संस्था ने बताया कि हमलावर ईरान निर्मित टोयोटा कार में आए और अंधाधुंध गोलीबारी की। घायलों की पहचान यूसुफ और उजैर के रूप में हुई है, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

हाल ही में, बलूचिस्तान मानवाधिकार परिषद (एचआरसीबी) ने बलूचिस्तान में व्यापक मानवाधिकार उल्लंघनों का दस्तावेजीकरण किया है, जिसमें अगस्त महीने में पाकिस्तान समर्थित डेथ स्क्वॉड और सुरक्षा बलों द्वारा किए गए 123 जबरन गायब होने और 26 हत्याएं शामिल हैं।

अपनी रिपोर्ट में, एचआरसीबी ने विस्तार से बताया कि अगस्त 2025 में जबरन गायब होने के 123 मामले दर्ज किए गए। इनमें से 106 लोग लापता हैं, 12 को रिहा कर दिया गया और पाँच को हिरासत में रहते हुए न्यायेतर तरीके से मार दिया गया।

बलूचिस्तान के लोग वर्तमान में पाकिस्तान से अपनी आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

बलूचिस्तान के विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार प्रांत में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे दमन को उजागर किया है, जिसमें बलूच नेताओं और नागरिकों के घरों पर हिंसक छापे, गैरकानूनी गिरफ्तारियाँ, जबरन गायब करना, 'मार डालो और फेंक दो' की नीति, लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी अध्यादेश के तहत नज़रबंदी और मनगढ़ंत पुलिस मामले दर्ज करना शामिल है।

Point of View

NationPress
30/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है?
हाँ, बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा नागरिकों के अपहरण की घटनाएँ बढ़ रही हैं, जो मानवाधिकारों का उल्लंघन दर्शाती हैं।
पाकिस्तानी सेना के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा रही है?
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों द्वारा इन घटनाओं की निगरानी की जा रही है और मामलों को उजागर किया जा रहा है।