क्या पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान से 11 नागरिकों का अपहरण किया?

Click to start listening
क्या पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बलूचिस्तान से 11 नागरिकों का अपहरण किया?

सारांश

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है। एक मानवाधिकार संगठन ने खुलासा किया है कि सुरक्षा बलों ने 11 नागरिकों का अपरहण किया है। यह घटनाएं स्थानीय लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।

Key Takeaways

  • बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है।
  • सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों का अपहरण किया गया है।
  • स्थानीय परिवार अपनी आवाज़ उठाने के लिए धरना दे रहे हैं।
  • अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
  • स्थानीय नेताओं की रिहाई और जबरन गुमशुदगियों का अंत आवश्यक है।

क्वेटा, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बलूचिस्तान में जबरन गुमशुदगियों का सिलसिला समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने शुक्रवार को जानकारी दी है कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने विभिन्न छापों के दौरान कम से कम 11 बलूच नागरिकों को अगवा किया है।

बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) के मानवाधिकार विभाग ‘पांक’ के अनुसार, बुधवार और गुरुवार को डेरा बुगटी और पीरकोह क्षेत्र से 11 लोगों को जबरन गायब किया गया।

जानकारी के अनुसार, बुधवार को डेरा बुगटी शहर से वसीम, मोहम्मद जान, मोहम्मद हुसैन और कलीरो नामक चार व्यक्तियों को उठाया गया। इसके अलावा, गुरुवार रात पीरकोह इलाके से अली हुसैन, अब्दुल सत्तार, बलक शेर, अत्ता मोहम्मद, नवाब खान, सिद्दीक, और गुलजार सहित सात लोगों को अगवा कर लिया गया।

बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) के मीडिया सेल ने दावा किया है कि स्थानीय लोगों ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) अवैध रूप से लोगों को हिरासत में लेकर उन्हें नवाब ब्रह्मदाग बुगटी का समर्थक बताने का प्रयास कर रहे हैं।

बीआरपी ने आरोप लगाया है कि अधिकारी स्थानीय ‘वडेरों’ या डेथ स्क्वाड्स के माध्यम से करोड़ों रुपये की फिरौती मांगते हैं। जिन परिवारों से फिरौती मिल जाती है, उनके अपहृत सदस्य रिहा कर दिए जाते हैं, जबकि जिनसे नहीं मिलती, उन्हें वर्षों तक बिना न्याय के हिरासत में रखा जाता है।

इस बीच, कराची प्रेस क्लब के बाहर एक बलूच परिवार अपने लापता बेटे की रिहाई की मांग को लेकर लगातार 32वें दिन धरने पर बैठा रहा। बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) ने बताया कि कराची विश्वविद्यालय का छात्र 25 वर्षीय जाहिद अली को 17 जुलाई को पाकिस्तानी बलों ने जबरन गायब कर दिया था। वह पार्ट-टाइम रिक्शा भी चलाता था, जिसे भी जब्त कर लिया गया।

बीवाईसी ने कहा कि जाहिद के पिता अब्दुल हमीद अपनी बिगड़ती सेहत के बावजूद कैंप छोड़ने से इनकार कर रहे हैं और बेटे की सुरक्षित वापसी की मांग पर डटे हुए हैं।

इसके अलावा, इस्लामाबाद में भी कई बलूच परिवार बीवाईसी नेताओं की रिहाई और जबरन गुमशुदगियों के खिलाफ शुक्रवार को लगातार 52वें दिन धरना देते रहे।

बीवाईसी ने कहा, “करीब दो महीनों से महिलाएं, बुजुर्ग, माताएं और बच्चे भीषण गर्मी, भारी बारिश, उत्पीड़न और निगरानी सहते हुए भी डटे हुए हैं। उनकी मांग बेहद सीधी है। बलूच यकजेहती कमेटी नेताओं की रिहाई और बलूचिस्तान में जबरन गुमशुदगियों का अंत।”

संगठन ने आरोप लगाया है कि लंबे विरोध प्रदर्शन के बावजूद पाकिस्तानी प्रशासन ने नेशनल प्रेस क्लब तक पहुंच रोक दी है, कैंप की अनुमति नहीं दी जा रही है और प्रदर्शनकारियों को डराने-धमकाने का सिलसिला जारी है, बजाय इसके कि उनकी जायज मांगों पर ध्यान दिया जाए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन एक गंभीर समस्या है। हमें इस स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है और सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नागरिकों को सुरक्षा और न्याय मिले।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

क्या बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है?
जी हाँ, बलूचिस्तान में कई मानवाधिकार संगठनों ने सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों के अपहरण की घटनाओं की पुष्टि की है।
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा कितने नागरिकों का अपहरण हुआ?
हाल ही में 11 बलूच नागरिकों का अपहरण हुआ है।
क्या इस मुद्दे पर कोई प्रदर्शन हो रहे हैं?
जी हाँ, बलूच परिवार इस मुद्दे पर लगातार धरना दे रहे हैं और अपनी आवाज़ उठा रहे हैं।