क्या अमेरिका और यूरोप को पेजेश्कियान की खरी-खरी बर्दाश्त होगी? 'यूएस मजबूत ईरान सहन नहीं कर सकता'

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क्या अमेरिका और यूरोप को पेजेश्कियान की खरी-खरी बर्दाश्त होगी? 'यूएस मजबूत ईरान सहन नहीं कर सकता'

सारांश

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने अमेरिका और यूरोप को चेताया है कि वे ईरान के साथ किए गए परमाणु समझौते में बाधा डालना बंद करें। क्या अमेरिका अपने हितों को बनाए रखने के लिए एक मजबूत ईरान को सहन कर पाएगा? जानिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे की गहराई में।

Key Takeaways

  • ईरान के ऊपर नए प्रतिबंध लागू होने जा रहे हैं।
  • अमेरिका और यूरोप के बीच तनाव बढ़ रहा है।
  • ईरान ने राजदूतों को वापस बुला लिया है।
  • विदेश मंत्री ने समझौते को अवैध बताया है।
  • स्नैपबैक व्यवस्था से संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध फिर से लागू हो सकते हैं।

तेहरान, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। परमाणु समझौते के संदर्भ में ईरान पर प्रतिबंधों का सिलसिला एक बार फिर शुरू होने वाला है। दस साल पुराने प्रतिबंध फिर से लागू होने की संभावना ने ईरान को अमेरिका और यूरोप के खिलाफ भड़का दिया है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा कि 2015 के परमाणु समझौते को पुनः स्थापित करने में अमेरिका सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि इस समझौते के तहत हटाए गए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध अब एक बार फिर से लागू होने जा रहे हैं।

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा से लौटने के बाद तेहरान एयरपोर्ट पर ईरानी राष्ट्रपति पेजेश्कियान ने कहा कि स्नैपबैक व्यवस्था को गति देने वाले फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी (ई-3) को संयुक्त राष्ट्र की यात्रा के दौरान अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ सहयोग के लिए ईरान की तत्परता के बारे में बताया गया था।

उन्होंने कहा, "अमेरिका हमेशा नए बहाने बनाकर किसी समझौते को सफल होने से रोकने की कोशिश करता है। हकीकत यह है कि अमेरिका एक मजबूत ईरान को बर्दाश्त नहीं कर सकता और हमारे देश को कमजोर करना चाहता है।"

वास्तव में, ई3 देशों ने स्नैपबैक व्यवस्था को पुनः लागू करने का निर्णय लिया है। इसी कारण से ईरान भड़का हुआ है।

इस व्यवस्था के अनुसार, यदि ईरान 2015 के परमाणु समझौते का उल्लंघन करता है, तो 30 दिनों के भीतर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध फिर से लागू किए जा सकते हैं।

इन उपायों के प्रभावी होने से पहले, ईरान ने फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है। विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने शनिवार को कहा कि यह समझौता "अवैध और निरर्थक" है।

उन्होंने इस संकट के लिए अमेरिकी विश्वासघात और यूरोप की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, "अमेरिका ने कूटनीति के साथ विश्वासघात किया। यूरोपीय देशों ने इसे दबा दिया।"

Point of View

NationPress
28/09/2025

Frequently Asked Questions

ईरान पर नए प्रतिबंध कब लागू होंगे?
ईरान पर नए प्रतिबंध रविवार से लागू होने वाले हैं।
पेजेश्कियान ने अमेरिका के बारे में क्या कहा?
पेजेश्कियान ने कहा कि अमेरिका एक मजबूत ईरान को बर्दाश्त नहीं कर सकता।
ई3 देशों का क्या निर्णय है?
ई3 देशों ने स्नैपबैक व्यवस्था को पुनः लागू करने का निर्णय लिया है।