क्या पीएम मोदी को 'ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' सम्मान मिला?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी को त्रिनिदाद और टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला।
- यह सम्मान 140 करोड़ भारतीयों की साझी गौरव का प्रतीक है।
- दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध मजबूत हैं।
- यह पीएम मोदी का 25वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान है।
- भारत और त्रिनिदाद का सहयोग महत्वपूर्ण है।
पोर्ट ऑफ स्पेन, 4 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदेश में एक और प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया है। त्रिनिदाद और टोबैगो ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाड एंड टोबैगो' से सम्मानित किया। पीएम मोदी ने इस सम्मान को दोनों देशों की शाश्वत और गहन मित्रता का प्रतीक बताते हुए, इसे '140 करोड़ भारतवासियों की ओर से एक साझा गौरव' के रूप में स्वीकार किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि यह गर्व का विषय है कि भारतीय समुदाय हमारी साझी परंपरा, संस्कृति और रीति-रिवाजों को संजोए हुए है। राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर इस समुदाय के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर हैं।
उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक मेलजोल हर मोड़ पर स्पष्ट है। राष्ट्रपति कंगालू के पूर्वज तमिलनाडु के संत तिरुवल्लुवर की भूमि से थे। संत तिरुवल्लुवर ने कहा था कि मजबूत देशों के पास छह चीजें होनी चाहिए - वीर सेना, देशभक्त नागरिक, संसाधन, अच्छे जन प्रतिनिधि, मजबूत रक्षा और ऐसे मित्र देश जो हमेशा साथ खड़े रहें।
पीएम मोदी ने कहा, "मैं इस सम्मान को हमारे संबंधों के लिए एक जिम्मेदारी के रूप में देखता हूँ। एक करीबी और विश्वसनीय साथी के रूप में हम त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों के कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते रहेंगे। हमारे लिए त्रिनिदाद और टोबैगो महत्वपूर्ण साझेदार है। हमारा सहयोग पूरे ग्लोबल साउथ के लिए अहम है।"
यह ध्यान देने योग्य है कि इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अफ्रीकी देश घाना में भी सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। घाना ने उन्हें 'ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना' से सम्मानित किया।
पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो के 'ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो' से सम्मानित होने वाले पहले विदेशी नेता हैं। यह किसी देश द्वारा उन्हें दिया जाने वाला 25वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मान है।