क्या ट्यूरिंग पुरस्कार विजेता रॉबर्ट टार्जन के विचारों से शिक्षा में बदलाव आ सकता है?

सारांश
Key Takeaways
- रॉबर्ट टार्जन के विचारों से शिक्षा में नई दिशा मिल सकती है।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता में नैतिकता की आवश्यकता है।
- चीन की विज्ञान नीति सराहनीय है।
- शिक्षा की दृष्टिकोण में जिज्ञासा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
- वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुटता आवश्यक है।
बीजिंग, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। 13 जुलाई को चीन की राजधानी पेइचिंग में 2025 अंतर्राष्ट्रीय बुनियादी विज्ञान सम्मेलन का उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर, ट्यूरिंग पुरस्कार विजेता रॉबर्ट टार्जन को बुनियादी विज्ञान में जीवनभर की उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।
प्रोफेसर टार्जन कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। उनके शोध ने बड़े डेटा प्रबंधन से लेकर लैपटॉप और मोबाइल फोन जैसे स्मार्ट उपकरणों की कार्यक्षमता में सुधार किया है, जिससे कंप्यूटर विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को लाभ मिला है।
शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य पर बात करते हुए, टार्जन ने सीएमजी के साथ साक्षात्कार में कहा, "मेरा मानना है कि स्कूलों को छात्रों को विभिन्न विषयों की खोज करने का अवसर प्रदान करना चाहिए। अंकों पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, जिज्ञासा के आधार पर अन्वेषण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।"
उन्होंने यह भी कहा कि किसी विशेष क्षेत्र में सफलता पाने के लिए, आपको उसमें पूरी तरह से समर्पित रहना चाहिए।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर चर्चा करते हुए, टार्जन ने कहा, "कृत्रिम बुद्धिमत्ता का विकास सभी को चौंका रहा है। मुझे लगता है कि इसे नैतिकता और भावनाओं के क्षेत्र में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।"
चीन के विकास पर उन्होंने कहा, "चीन ने बुनियादी विज्ञान के विकास को दीर्घकालिक रणनीतिक केन्द्र बना लिया है, और यह निर्णय वास्तव में सराहनीय है। वर्तमान में, चीन की उपलब्धियाँ उल्लेखनीय हैं। भविष्य में, मैं चीन में और अधिक प्रगति देखने के लिए उत्सुक हूँ।"
उन्होंने कहा, "हम सभी मानवता के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज दुनिया गंभीर वैश्विक खतरों का सामना कर रही है। इन समस्याओं के समाधान के लिए, हमें एकजुट होकर काम करना होगा।"
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)