क्या ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले ने एनपीटी के लिए गंभीर आघात किया है? रूस ने अमेरिकी हमलों की निंदा की

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क्या ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले ने एनपीटी के लिए गंभीर आघात किया है? रूस ने अमेरिकी हमलों की निंदा की

सारांश

रूस ने ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका के हमलों की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। यह स्थिति क्षेत्र में अस्थिरता पैदा कर सकती है और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। जानिए इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तार से!

Key Takeaways

  • अमेरिका का हमला अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है।
  • रूस ने हमले की कड़ी निंदा की है।
  • इससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है।
  • एनपीटी की विश्वसनीयता को खतरा।
  • ईरान को अन्य देशों से परमाणु हथियार मिलने की संभावना।

मास्को, 22 जून (राष्ट्र प्रेस)। रूस ने रविवार को ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका के 'गैर-जिम्मेदाराना' हमलों की कड़ी निंदा की। रूस ने इस हमले को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य द्वारा किया गया अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया। साथ ही यह भी कहा कि इससे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा होगी और परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) की व्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा।

रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि अमेरिकी हमले के बाद ईरान को कई देश परमाणु हथियार दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार भूल जाना चाहिए।

रूसी विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा, "किसी संप्रभु राज्य के क्षेत्र पर मिसाइल और हवाई हमले करने का यह लापरवाही भरा फैसला, चाहे इसके लिए कोई भी औचित्य क्यों न दिया गया हो, अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है। यह विशेष चिंता का विषय इसलिए भी है कि हमले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य ने किए।"

विदेश मंत्रालय ने कहा, "अमेरिकी हमले की वजह से रेडियोधर्मी प्रभावों के परिणाम अभी तक निर्धारित नहीं किए गए हैं। हालांकि यह स्पष्ट है कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा को और अस्थिर करने की कोशिश पहले से चल रही है। अमेरिकी अटैक ने पहले से ही कई समस्याओं का सामना कर रहे मध्य पूर्व में एक बड़े संघर्ष की संभावना को काफी हद तक बढ़ा दिया है।"

रूस ने कहा, "ईरानी परमाणु प्लांट्स पर हमलों ने 'परमाणु हथियारों के अप्रसार पर संधि' (एनपीटी) के जरिए निर्मित वैश्विक अप्रसार व्यवस्था को बड़ा झटका दिया है, जो चिंताजनक है। एनपीटी की विश्वसनीयता और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) की निगरानी और सत्यापन तंत्र की अखंडता को काफी हद तक कमजोर कर दिया गया है।"

मंत्रालय ने कहा, "हम आईएईए से अस्पष्ट भाषा या राजनीतिक 'समान दूरी' के पीछे छिपने के प्रयासों से बचते हुए पेशेवर और पारदर्शी तरीके से जवाब की उम्मीद करते हैं। महानिदेशक की ओर से एक निष्पक्ष और वस्तुनिष्ठ रिपोर्ट को एजेंसी के आगामी विशेष सत्र में विचार के लिए प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भी एक दृढ़ रुख अपनाना चाहिए। अमेरिका और इजरायल की ओर से की गई टकरावपूर्ण और अस्थिर करने वाली कार्रवाइयों को सामूहिक रूप से खारिज किया जाना चाहिए।"

Point of View

बल्कि पूरे क्षेत्र की सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है।
NationPress
22/06/2025

Frequently Asked Questions

अमेरिका ने ईरान के परमाणु स्थलों पर हमला क्यों किया?
अमेरिका का दावा है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
रूस ने अमेरिका के हमले पर क्या प्रतिक्रिया दी?
रूस ने हमले की निंदा करते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया।
क्या इससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ेगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला क्षेत्र में अस्थिरता को बढ़ा सकता है।
एनपीटी की स्थिति पर इसका क्या असर होगा?
इस हमले से एनपीटी की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता को खतरा हो सकता है।
रूस ने क्या चेतावनी दी है?
रूस ने कहा है कि इससे कई देश परमाणु हथियार प्राप्त कर सकते हैं।