क्या नाटो के रक्षा खर्च में वृद्धि से रूस की सुरक्षा पर कोई असर नहीं पड़ेगा?

सारांश
Key Takeaways
- रूस की सुरक्षा पर नाटो के रक्षा खर्च में वृद्धि का कोई खास असर नहीं होगा।
- नाटो का नया रक्षा खर्च 2035 तक जीडीपी के 5 प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस समझौते की सराहना की है।
- स्पेन की रक्षा खर्च की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाया गया है।
मॉस्को, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को बताया कि नाटो देशों द्वारा अपने रक्षा खर्च में वृद्धि करने का निर्णय रूस की सुरक्षा पर कोई विशेष प्रभाव नहीं डालेगा।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लावरोव ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि इसका कोई खास असर होगा।"
यह टिप्पणी उन रिपोर्टों के बाद आई है, जिनमें उल्लेख किया गया है कि नाटो सदस्य देश 2035 तक अपने रक्षा खर्च को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के पांच प्रतिशत तक बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
हाल ही में द हेग में आयोजित दो दिवसीय नाटो शिखर सम्मेलन के बाद एक संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया गया, जिसमें सालाना रक्षा बजट को जीडीपी के 5 प्रतिशत तक बढ़ाने की प्रतिबद्धता दर्शाई गई।
इस 5 प्रतिशत में 3.5 प्रतिशत मूल रक्षा खर्च के लिए और 1.5 प्रतिशत अन्य संबंधित क्षेत्रों के लिए प्रस्तावित हैं, जैसे कि महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा, नेटवर्क सुरक्षा, और रक्षा उद्योग क्षमताएं। इस योजना की 2029 में पुनः समीक्षा की जाएगी, जिसमें उस समय की रणनीतिक परिस्थितियों और क्षमता लक्ष्यों को ध्यान में रखा जाएगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शिखर सम्मेलन के बाद प्रेस वार्ता में इस समझौते की सराहना की, लेकिन उन्होंने कहा कि अमेरिका लंबे समय से नाटो की सुरक्षा का "अत्यधिक बोझ" उठाता रहा है।
ट्रंप ने स्पेन की आलोचना करते हुए कहा कि यह एकमात्र ऐसा देश है जिसने अपनी प्रतिबद्धता पूरी नहीं की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका स्पेन के साथ चल रही व्यापार वार्ता में ऐसे प्रावधान शामिल कर सकता है, जिससे उसे "दोगुना भुगतान" करना पड़े।
गौरतलब है कि स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने शिखर सम्मेलन से पहले घोषणा की थी कि स्पेन नाटो के साथ सहमत होकर अपने रक्षा खर्च को जीडीपी के 2.1 प्रतिशत तक सीमित रखेगा।