क्या साउथ चाइना सी में तनाव बढ़ रहा है? चीन और फिलीपींस के जहाजों में हुई टक्कर, एक व्यक्ति घायल

सारांश
Key Takeaways
- दक्षिण चीन सागर में तनाव बढ़ रहा है।
- चीन के तटरक्षक बल ने फिलीपींस के जहाज पर हमला किया।
- स्कारबोरो शोल विवादित क्षेत्र है।
- एक फिलीपीनी चालक दल का सदस्य घायल हुआ।
- यह घटना चीन द्वारा क्षेत्र को रिजर्व घोषित करने के बाद हुई।
नई दिल्ली, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन के तटरक्षक बल (सीसीजी) ने दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के जहाज पर वॉटर कैनन फायर करने का आरोप लगाया है। मंगलवार को स्कारबोरो शोल के निकट एक फिलीपींस के जहाज पर जानबूझकर टक्कर मारने का आरोप चीन ने लगाया। वहीं, फिलीपींस का कहना है कि उनका जहाज मछुआरों को रसद पहुंचा रहा था।
स्कारबोरो शोल एक विवादित क्षेत्र है जिस पर दोनों देश अपना दावा करते हैं।
सीसीजी के अनुसार, जहाज संख्या 3014 ने चीन द्वारा दी गई चेतावनियों को नजरअंदाज करते हुए जानबूझकर एक चीनी तटरक्षक जहाज को टक्कर मारी, जिसे चीन ने 'गैर-पेशेवर और खतरनाक' कृत्य कहा।
वहीं, फिलीपीनी कोस्ट गार्ड (पीसीजी) ने बताया कि मछुआरों को रसद पहुंचा रहे एक जहाज को 16 सितंबर को चीन के तटरक्षक जहाजों ने पानी का बौछार कर उड़ा दिया। इस घटना में एक चालक दल का सदस्य घायल हुआ और जहाज को नुकसान पहुंचा।
मत्स्य पालन और जलीय संसाधन ब्यूरो (बीएफएआर) के मुताबिक, यह जहाज सरकार के प्रत्यक्ष खरीद कार्यक्रम के तहत मछुआरों के लिए आपूर्ति के लिए जा रहा था। पीसीजी ने कहा कि सुबह लगभग 9:14 बजे दो सीसीजी जहाज उनके पास पहुंचे थे।
पीसीजी के प्रवक्ता जे टैरिएला ने एक बयान में कहा कि एक जहाज, सीसीजी 5201, ने 'अपनी पानी की बौछारें बीआरपी दातु गुंबे पियांग के स्टारबोर्ड की ओर कीं। धमाकों से कई चीजें क्षतिग्रस्त हो गईं।
इससे पहले, सीसीजी ने कहा था कि उसने चीन के हुआंगयान दाओ के क्षेत्रीय जलक्षेत्र में अवैध गतिविधियों में शामिल कई फिलीपीनी जहाजों पर कानूनी कार्रवाई की।
सीसीजी प्रवक्ता गान यू ने कहा कि फिलीपींस ने 10 से ज्यादा सरकारी जहाजों को क्षेत्रीय जलक्षेत्र में घुसपैठ करने के लिए संगठित किया। इसके जवाब में, सीसीजी ने पहले उन्हें मौखिक चेतावनी दी और फिर वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया।
उन्होंने कहा कि फिलीपींस की ओर से जानबूझकर किया गया उल्लंघन और उकसावे का कृत्य 'घृणित प्रकृति' का था। यह घटना चीन की ओर से स्कारबोरो शोल के एक हिस्से को राष्ट्रीय प्रकृति रिजर्व घोषित करने के छह दिन बाद हुई है।