क्या 'येलो सी' में रोडियोएक्टिव स्तरों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ? : साउथ कोरिया यूनिफिकेशन मिनिस्ट्री

सारांश
Key Takeaways
- येलो सी में रोडियोएक्टिव स्तर स्थिर है।
- उत्तर कोरिया की गतिविधियों की बारीकी से निगरानी की जा रही है।
- स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए चिंता का विषय है।
- रेडियोएक्टिव स्तरों की नियमित जांच की जा रही है।
- गंगवा द्वीप का रेडियोएक्टिव स्तर सामान्य सीमा में है।
सियोल, 1 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरिया की यूनिफिकेशन मिनिस्ट्री ने मंगलवार को जानकारी दी कि 'येलो सी' में रोडियोएक्टिव स्तरों में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं पाया गया है। यह बयान एक समाचार रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें उत्तर कोरिया पर उत्तर ह्वांगहे प्रांत की यूरेनियम रिफाइनिंग फैसिलिटी से दुषित पानी छोड़ने का संदेह जताया गया था।
दक्षिण कोरियाई समाचार माध्यम 'डेली एनके' ने जून में एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें कहा गया कि उत्तर कोरिया प्योंगसन काउंटी में एक यूरेनियम रिफाइनिंग फैसिलिटी चला रहा है और उसने दक्षिण कोरिया में बहने वाली नदियों में यूरेनियम अपशिष्ट डालना शुरू कर दिया है।
सियोल की यूनिफिकेशन मिनिस्ट्री ने कहा कि वह संबंधित सरकारी एजेंसियों के साथ प्योंगसन में यूरेनियम रिफाइनिंग प्लांट की गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रख रही है।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर पत्रकारों को बताया, "येलो सी में रेडियोएक्टिव स्तरों की नियमित जांच करने वाले संबंधित विभागों के अनुसार, अब तक कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं पाया गया है। चूंकि यह मामला सीधे हमारे लोगों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण से जुड़ा है, मंत्रालय इस पर प्रतिक्रिया देने के तरीके पर अन्य एजेंसियों के साथ गहन चर्चा कर रहा है।"
'योनहाप समाचार एजेंसी' की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूक्लियर सेफ्टी एंड सिक्योरिटी कमीशन (एनएसएससी) ने भी कहा है कि सीमावर्ती द्वीप गंगवा सहित पूरे देश में रेडिएशन लेवल की ऑन-साइट माप में कोई असामान्यता नहीं मिली।
'एनएसएससी' के अनुसार, सुबह 11 बजे तक पूरे देश में रेडिएशन स्तर 0.059 से 0.212 माइक्रोसीवर्ट प्रति घंटे के बीच था, जिसमें गंगवा द्वीप में 0.143 माइक्रोसीवर्ट प्रति घंटे दर्ज किया गया, जो सभी 0.05 से 0.3 माइक्रोसीवर्ट प्रति घंटे की सामान्य सीमा में आता है।
पिछले महीने अमेरिका-आधारित निगरानी कार्यक्रम बियॉंड पैरेलल ने बताया कि हालिया सैटेलाइट तस्वीरों से यह संकेत मिला है कि उत्तर कोरिया की प्रमुख परमाणु साइट योंगब्योन में एक संदिग्ध यूरेनियम एनरिचमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। यह उत्तर कोरिया की न्यूक्लियर पावर बढ़ाने की कोशिशों का संकेत हो सकता है।