क्या दक्षिण कोरिया में ली जुन-सोक के घर पर विशेष जांच दल ने छापेमारी की?

सारांश
Key Takeaways
- विशेष जांच दल ने ली जुन-सोक के निवास पर छापेमारी की।
- पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-योल पर गंभीर आरोप हैं।
- जांच के परिणाम पर सभी की नजरें टिकी हैं।
सोल, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरिया में विशेष जांच दल ने सोमवार को न्यू रिफॉर्म पार्टी (एनआरपी) के नेता ली जुन-सोक के निवास और कार्यालय पर छापेमारी की। यह कदम किम क्योन-ही पर 2022 और 2024 के चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों की जांच के संदर्भ में उठाया गया।
विशेष अभियोजक मिन जोंग-की की टीम ने सोल के उत्तरी नोवोन जिले में ली के घर और कार्यालय से विभिन्न दस्तावेज और कंप्यूटर फाइलें जब्त कीं, जैसा कि सहायक विशेष अभियोजक ओह जियोंग-ही ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया।
ली जुन-सोक 2022 के संसदीय उप-चुनावों में संभावित चुनावी हस्तक्षेप के मामले में संदिग्ध हैं, जबकि 2024 के आम चुनावों में उन्हें गवाह माना जा रहा है। दोनों मामलों में आरोप है कि पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-योल और उनकी पत्नी किम क्योन-ही ने स्व-घोषित पावर ब्रोकर म्यूंग ताए-क्यून के माध्यम से पीपुल्स पावर पार्टी (पीपीपी) के उम्मीदवारों के नामांकन में हस्तक्षेप किया।
योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, ली 2022 में पीपीपी के नेता थे, जबकि 2024 में वे एनआरपी के नेता बने।
जांच दल यह सत्यापित करने का प्रयास कर रहा है कि क्या ली ने अप्रैल 2024 के आम चुनावों से पहले म्यूंग ताए-क्यून और पूर्व पीपीपी सांसद किम यंग-सन के साथ मुलाकात की थी।
आरोप है कि इस मुलाकात में एक सौदे पर चर्चा की गई, जिसमें किम यंग-सन को एनआरपी से आनुपातिक प्रतिनिधित्व सीट के लिए नामांकित करने के बदले में उन्होंने पूर्व प्रथम महिला के चुनावी हस्तक्षेप को सार्वजनिक करने की बात कही।
पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-योल को इस मामले में पूछताछ के लिए मंगलवार को बुलाया गया है, लेकिन खबर है कि स्वास्थ्य कारणों से वे उपस्थित नहीं होंगे। जांच दल को अभी तक उनका कोई जवाब नहीं मिला है।
ली जुन-सोक ने छापेमारी को “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताते हुए टाइमिंग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह छापेमारी उनकी पार्टी के नेतृत्व में वापसी के ठीक एक दिन बाद हुई, जो संदेहास्पद है।
यह मामला दक्षिण कोरिया की राजनीति में हलचल मचा रहा है, और जांच के परिणाम पर सभी की नजरें टिकी हैं।