क्या दित्वाह चक्रवात ने श्रीलंका में 334 लोगों की जान ले ली?
सारांश
Key Takeaways
- चक्रवात दित्वाह से 334 लोगों की मौत हुई है।
- 370 लोग अभी भी लापता हैं।
- भारतीय वायुसेना ने 104 भारतीय नागरिकों को रेस्क्यू किया।
- कैंडी शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
- रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौतियाँ आ रही हैं।
कोलंबो, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह के कारण उत्पन्न हुई तबाही में अब तक कम से कम 334 लोगों की जान जा चुकी है। कोलंबिया के स्थानीय समाचार माध्यमों के अनुसार, डिजास्टर मैनेजमेंट सेंटर (डीएमसी) ने बताया कि 370 लोग अभी भी लापता हैं। इस बीच, भारतीय वायु सेना ने ऑपरेशन सागरबंधु के तहत श्रीलंका के प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोगों को बचाने के लिए कार्यरत है। भारतीय वायुसेना ने 104 भारतीय नागरिकों और 40 श्रीलंकाई सैनिकों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया है।
इस चक्रवात से कैंडी शहर में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, जहां 88 मौतें हो चुकी हैं और 150 लोग लापता हैं। इसके अलावा, बादुल्ला में 71, नुवारा एलिया में 68 और मटाले में 23 लोगों की जान गई है। डेली मिरर ने डीएमसी के हवाले से बताया है कि इस आपदा से देशभर में 309,607 परिवारों के 1,118,929 लोग प्रभावित हुए हैं। कई क्षेत्रों में संपर्क पूरी तरह से बाधित हो गया है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौतियाँ आ रही हैं।
भारतीय रेस्क्यू टीमें बाढ़ से प्रभावित समुदायों की सहायता के लिए श्रीलंका एयर फोर्स, नेवी, आर्मी और पुलिस के साथ मिलकर कार्य कर रही हैं। फर्स्ट रिस्पांडर्स भी रेस्क्यू ऑपरेशन में अन्य टीमों के साथ मिलकर लोगों की मदद कर रहे हैं।
कोलंबो में भारतीय उच्चायुक्त ने बताया कि श्रीलंका में फंसे 104 भारतीय नागरिकों के अंतिम बैच को सोमवार को वापस लाया गया। भारतीय हाई कमीशन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "कोलंबो के बंदरनायके इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर फंसे भारतीय यात्रियों का अंतिम बैच अब घर लौट आया है। 104 फंसे हुए भारतीय नागरिक आज सुबह लगभग 6.30 बजे भारतीय वायु सेना के विमान से तिरुवनंतपुरम पहुंचे।" लोगों को निकालने के साथ-साथ, भारत ने श्रीलंका में बचाव और राहत कार्य भी तेज कर दिए हैं।
इससे पहले, भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने रविवार को ऑपरेशन सागर बंधु के तहत एक हाइब्रिड बचाव अभियान का संचालन किया। आईएएफ ने एक्स पर कहा कि एक गरुड़ कमांडो को विंच से नीचे उतारा गया ताकि समूह को कोटमाले के एक हेलीपैड तक पहुँचाया जा सके, जहाँ से 24 यात्रियों को कोलंबो पहुंचाया गया।
सेना ने कहा, "एक साथ की कोशिश में, तीन गंभीर घायलों को तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए कोलंबो एयरलिफ्ट किया गया। इससे पहले, श्रीलंकाई सेना के जवानों की पाँच टीमों (40 सैनिकों) को राहत कार्यों में मदद के लिए दियाथलावा आर्मी कैंप से भूस्खलन से प्रभावित कोटमाले क्षेत्र में एयरलिफ्ट किया गया था।"