क्या सूडान में आरएसएफ ने कोर्दोफोन स्थित आर्मी बेस पर कब्जा किया?

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क्या सूडान में आरएसएफ ने कोर्दोफोन स्थित आर्मी बेस पर कब्जा किया?

सारांश

सूडान के आरएसएफ द्वारा बाबानुसा पर कब्जे के दावे के बाद, सेना ने इस पर सफाई देते हुए विद्रोहियों को झूठा कहा। यह घटनाक्रम क्षेत्र में बढ़ते तनाव को दर्शाता है। क्या यह संघर्ष और बढ़ेगा?

Key Takeaways

  • आरएसएफ का बाबानुसा पर कब्जा करने का दावा, सेना द्वारा खारिज किया गया।
  • संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का आरोप।
  • अमेरिका और अन्य देशों की शांति वार्ता की कोशिशें।
  • राजनीतिक चाल के रूप में आरएसएफ की गतिविधियाँ।
  • सूडान में बढ़ता तनाव नागरिकों के लिए खतरा।

काहिरा, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सूडान के अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) ने सोमवार को यह दावा किया कि उसने कोर्दोफोन के बाबानुसा क्षेत्र पर नियंत्रण प्राप्त कर लिया है। हालांकि, सेना ने मंगलवार को इस दावे को झूठ करार दिया।

सोमवार को एक बयान में, आरएसएफ ने कहा कि वेस्ट कोर्दोफोन राज्य के बाबानुसा को "आजाद" करा दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सूडानी सेना के "सरप्राइज अटैक" को नाकाम कर दिया गया, जो कि संघर्ष विराम का उल्लंघन है।

स्थानीय मीडिया हाउस सूडान ट्रिब्यून के अनुसार, आरएसएफ के फील्ड कमांडरों और उनके सहयोगी राजनीतिक दल सूडान फाउंडिंग अलायंस (टीएएसआईएस) ने एक बयान में कहा कि उन्होंने बेस और पास के 89वें ब्रिगेड कमांड को "आजाद" कराया है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सेना ने मंगलवार को इस बात से इनकार किया कि आरएसएफ ने पूरे शहर पर कब्जा कर लिया है, और आरएसएफ कमांडर मोहम्मद हमदान डागालो पर आरोप लगाया कि वह सीजफायर के बावजूद हमले जारी रखे हुए हैं।

एक बयान में, सेना ने कहा कि आरएसएफ ने शहर पर प्रतिदिन हथियारों और ड्रोन हमले किए। सैनिकों ने सोमवार को एक नए हमले को नाकाम कर दिया। हालांकि, सेना के दावे की कोई पुष्टि नहीं हो पाई है।

सेना ने आरएसएफ की गतिविधियों को विदेशी समर्थन प्राप्त करने की एक राजनीतिक चाल बताकर खारिज कर दिया।

19 नवंबर को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह अप्रैल 2023 से शुरू हुए संघर्ष को समाप्त करने की कोशिश करेंगे।

अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और सऊदी अरब—जिन्हें क्वाड के नाम से जाना जाता है—ने नवंबर की शुरुआत में तीन महीने के संघर्ष विराम और उसके बाद शांति वार्ता की योजना पेश की थी। आरएसएफ ने जवाब में कहा कि उसने इस योजना को मान लिया है, लेकिन इसके तुरंत बाद उसने ड्रोन हमलों के माध्यम से सेना के क्षेत्रों पर हमला किया।

बाबानुसा पर आरएसएफ का हमला अक्टूबर में दारफुर में सेना के आखिरी ठिकाने अल-फशीर पर कब्जा करने के बाद ग्रुप की बढ़ती ताकत को दर्शाता है।

Point of View

NationPress
13/12/2025

Frequently Asked Questions

आरएसएफ कौन हैं?
आरएसएफ, रैपिड सपोर्ट फोर्सेज, सूडान के अर्धसैनिक बल हैं जो हाल के समय में कई संघर्षों में सक्रिय रहे हैं।
बाबानुसा का क्या महत्व है?
बाबानुसा सूडान के पश्चिमी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण शहर है, जिसका सामरिक स्थान है।
क्या अमेरिका का इसमें कोई रोल है?
हां, अमेरिका ने संघर्ष को समाप्त करने के लिए प्रयास किए हैं, लेकिन स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है।
आरएसएफ के दावे की सत्यता क्या है?
सेना ने आरएसएफ के दावे को झूठ बताया है, जिसके चलते स्थिति और भी जटिल हो गई है।
इस संघर्ष का नागरिकों पर क्या असर होगा?
यह संघर्ष नागरिकों की सुरक्षा और जीवन स्तर को प्रभावित कर सकता है।
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