क्या सूडान में अर्धसैनिक बलों के हमले में 31 लोग मारे गए?

सारांश
Key Takeaways
- पश्चिमी सूडान का एल फशर शहर संघर्ष का केंद्र है।
- आरएसएफ द्वारा किए गए हमलों ने मानवता को संकट में डाल दिया है।
- स्वयंसेवी संगठनों की रिपोर्ट्स इस स्थिति की गंभीरता को दर्शाती हैं।
- हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं।
- संघर्ष ने देश के बुनियादी ढांचे को भी तबाह किया है।
खार्तूम, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। स्वयंसेवी संगठनों के अनुसार, पश्चिमी सूडान के एल फशर शहर में अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के हमले में कम से कम 31 लोग मारे गए हैं। मृतकों में सात बच्चे और एक गर्भवती महिला भी शामिल हैं। इसके अलावा 13 अन्य घायल हुए हैं।
स्वयंसेवी संगठन, सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क ने शनिवार को एक बयान में कहा कि आरएसएफ ने अबू शौक में विस्थापितों के शिविर को 'जानबूझकर' निशाना बनाकर एक 'जघन्य अपराध' किया है।
इस संगठन ने चेतावनी दी है कि एल फशर की जारी घेराबंदी के कारण दवाइयों, चिकित्सा कर्मचारियों और भोजन की भारी कमी हो गई है, जिससे 'हजारों विस्थापित महिलाओं और बच्चों को धीमी मौत का सामना करना पड़ रहा है।'
अबू शौक आपातकालीन कक्ष ने एक बयान में कहा कि "शनिवार को शिविर के उत्तरी हिस्से में भारी गोलाबारी हुई, जिसके परिणामस्वरूप 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।"
इस बीच, एल फशर में प्रतिरोध समितियों के समन्वय नामक एक स्वयंसेवी समूह ने कहा कि आरएसएफ का हमला सुबह-सुबह शुरू हुआ और दोपहर तक जारी रहा। इससे नागरिकों में दहशत फैल गई और नए सिरे से विस्थापन शुरू हो गया, जिससे कई लोग हताहत हुए और घरों व बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के बारे में आरएसएफ की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।
सूडान में संघर्ष अप्रैल 2023 में सूडानी सशस्त्र बलों और आरएसएफ के बीच सत्ता संघर्ष के चलते शुरू हुआ, जिसने देश के बुनियादी ढांचे को तबाह कर दिया है। इस संघर्ष ने हजारों लोगों की जान ले ली है, जबकि लाखों लोगों को विस्थापित कर दिया है और एक गंभीर मानवीय संकट पैदा कर दिया है।
उत्तरी दारफुर राज्य की राजधानी और विशाल दारफुर क्षेत्र का आखिरी बड़ा शहर एल फशर संघर्ष का केंद्र बना हुआ है और मई 2024 से आरएसएफ की घेराबंदी में है।