तालिबान ने पाकिस्तानी चौकियों पर एक साथ हमला कैसे किया? इतनी बड़ी सैन्य ताकत कहां से आई?

Click to start listening
तालिबान ने पाकिस्तानी चौकियों पर एक साथ हमला कैसे किया? इतनी बड़ी सैन्य ताकत कहां से आई?

सारांश

अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच तालिबान ने पाकिस्तान की चौकियों पर एक साथ हमला किया। यह घटनाक्रम पाकिस्तान की हवाई हमलों का जवाब है। जानिए तालिबान की सैन्य ताकत और उसके पीछे की रणनीति के बारे में।

Key Takeaways

  • तालिबान ने एक साथ कई चौकियों पर हमला किया है।
  • इन हमलों का कारण पाकिस्तान की हालिया एयर स्ट्राइक है।
  • तालिबान की सैन्य ताकत में वृद्धि हुई है।
  • डूरंड लाइन दोनों देशों के बीच विवादित सीमा है।
  • स्थानीय समुदाय तालिबान को समर्थन दे रहा है।

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर तनाव अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गया है। हाल ही में, तालिबान के लड़ाकों ने पाकिस्तान की कई सीमा चौकियों पर एक साथ हमला किया। ये हमले पाकिस्तान की हाल की हवाई हमलों के जवाब में किए गए हैं।

तालिबान का दावा है कि इस हमले में कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और चौकियों पर कब्जा कर लिया गया। दूसरी ओर, पाकिस्तान का कहना है कि उसने जवाबी कार्रवाई में तालिबान के कई लड़ाकों को मार गिराया।

लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि तालिबान के पास इतनी बड़ी सैन्य ताकत आई कहां से, जो एक साथ इतनी चौकियों पर हमला कर सके?

ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार, अफगानिस्तान (अब तालिबान शासन के नियंत्रण में) की सैन्य शक्ति को दुनिया में 118वां स्थान मिला है। 1990 के दशक में शुरू हुआ तालिबान, 2021 में काबुल पर कब्जा करने के बाद अब एक संगठित सेना की तरह उभरा है।

कुछ रिपोर्टों के अनुसार, तालिबान के पास 1.10 से 1.50 लाख सक्रिय सैनिक, लगभग 1 लाख रिजर्व फोर्स, करीब 14,000 करोड़ रुपए का सैन्य बजट, हल्के हथियार, रॉकेट और तोपें हैं। हालाँकि, उनके पास हवाई जहाज या नौसेना की कमी है, जो उनकी सबसे बड़ी कमजोरी मानी जाती है।

हालाँकि, तालिबान की सबसे बड़ी ताकत उनके गुरिल्ला युद्धकौशल में है। यह युद्धकौशल उन्हें छोटे समूहों में छिपकर हमले करने की अनुमति देता है। कठिन भूगोल का लाभ उठाते हुए, वे अपने दुश्मनों को चौंका सकते हैं। इस प्रकार, भले ही उनकी संख्या पाकिस्तान की सेना से कम हो, लेकिन स्थानीय ज्ञान और गुरिल्ला युद्धकौशल उन्हें चुनौतीपूर्ण बनाता है।

रिपोर्टों के अनुसार, अक्टूबर 2025 में तालिबान ने कुणार-बाजौर, हेलमंद और पक्तिया में कई चौकियों पर एक साथ हमला किया। रात के अंधेरे में तालिबान के छोटे दस्ते पाकिस्तानी चौकियों में घुस गए और भारी गोलीबारी की।

ये हमले 9 अक्टूबर को पाकिस्तान द्वारा किए गए हवाई हमलों के जवाब में किए गए थे, जिसमें पाकिस्तान ने काबुल और खोस्त के क्षेत्रों को निशाना बनाया था। तालिबान ने इसे 'बदले की कार्रवाई' बताते हुए सीमा पर तोपों से हमला शुरू कर दिया।

बॉर्डर के पास रहने वाले पश्तून समुदाय ने तालिबान को रसद और मदद उपलब्ध कराई है। उनकी रिजर्व फोर्स जरूरत पड़ने पर जल्दी से जुट जाती है।

पाकिस्तान की सेना ग्लोबल फायरपावर 2025 में 12वें स्थान पर है, जबकि अफगानिस्तान काफी पीछे है। फिर भी, सीमा पर जारी झड़पों ने दोनों देशों के बीच तनाव को खतरनाक स्तर तक बढ़ा दिया है। यह संघर्ष डुरंड लाइन पर हो रहा है, जो दोनों देशों के बीच विवादित सीमा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर हालात काबू में नहीं आए, तो यह संघर्ष पूरे क्षेत्र की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।

डूरंड लाइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लगभग 2,640 किलोमीटर लंबी एक अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जिसे 1893 में ब्रिटिश भारत के विदेश सचिव सर मोर्टिमर डूरंड और अफगानिस्तान के अमीर अब्दुर रहमान खान के बीच समझौते के तहत स्थापित किया गया था।

Point of View

मैं यह मानता हूँ कि इस संघर्ष का मूल कारण दोनों देशों के बीच का ऐतिहासिक विवाद है। हमें इस स्थिति से निपटने के लिए ठोस और शांतिपूर्ण उपायों की आवश्यकता है।
NationPress
14/10/2025

Frequently Asked Questions

तालिबान ने पाकिस्तान की चौकियों पर हमला क्यों किया?
तालिबान ने पाकिस्तान की चौकियों पर हमला हालिया हवाई हमलों के जवाब में किया है।
तालिबान के पास कितनी सैन्य ताकत है?
तालिबान के पास 1.10 से 1.50 लाख सक्रिय सैनिक और लगभग 1 लाख रिजर्व फोर्स हैं।
डूरंड लाइन क्या है?
डूरंड लाइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच लगभग 2,640 किलोमीटर लंबी एक विवादित सीमा है।