क्या थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष बढ़ रहा है? सीमा पर सैन्य झड़प के बाद 14 थाई नागरिकों की मृत्यु, 46 घायल

सारांश
Key Takeaways
- सीमा पर संघर्ष ने 14 थाई नागरिकों की जान ली है।
- कंबोडिया और थाईलैंड के बीच तनाव बढ़ा है।
- संयुक्त राष्ट्र ने संयम बरतने का आग्रह किया है।
- थाईलैंड ने सभी सीमा चौकियाँ सील कर दी हैं।
- कंबोडिया ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
बैंकॉक, 25 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा पर तनाव का स्तर लगातार ऊँचा होता जा रहा है। सैन्य संघर्ष में अब तक थाईलैंड के 14 नागरिकों की जान जा चुकी है, वहीं 46 अन्य लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी थाईलैंड के सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदान की।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कंबोडिया ने गुरुवार की शाम तक अपने हताहतों के आंकड़े जारी नहीं किए थे। इस बीच, बैंकॉक में जन स्वास्थ्य मंत्री सोमसेक थेपसुथिन ने पुष्टि की कि 14 में से 13 नागरिक और एक सैनिक शामिल हैं।
उन्होंने कंबोडिया के हमलों की निंदा करते हुए कहा, "हम कंबोडियाई सरकार से अपील करते हैं कि वह इन युद्ध अपराधों को तुरंत रोके और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के सिद्धांतों का सम्मान करे।"
यह सैन्य झड़प एक बारूदी सुरंग विस्फोट के बाद शुरू हुई, जिसमें थाईलैंड के पांच सैनिक घायल हो गए। इस घटना के बाद, दोनों पक्षों ने अपने राजदूतों को निष्कासित कर दिया, जिससे राजनयिक तनाव और बढ़ गया। थाईलैंड के अधिकारियों ने कंबोडिया पर नए रूस निर्मित बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप लगाया, जबकि कंबोडिया ने इसे "निराधार आरोप" बताया। कंबोडिया का कहना है कि ये विस्फोट पुराने संघर्षों के कारण हैं।
गुरुवार को सीमा पर लगभग 6 स्थानों पर झड़पें हुईं, जिनमें प्राचीन ता मुएन थॉम मंदिर का क्षेत्र भी शामिल है। थाईलैंड के लड़ाकू विमानों ने जवाबी हवाई हमले किए। थाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता निकोर्नडेज बालनकुरा ने कहा, "यह आत्मरक्षा में उठाया गया कदम था।"
हालांकि, झड़पों के बाद स्थिति और बिगड़ गई। दोनों पक्ष ने एक-दूसरे पर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से इस मामले पर चर्चा के लिए तत्काल बैठक का आह्वान किया।
कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने यह दावा किया कि हवाई हमलों में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल प्रीह विहियर के पास एक सड़क को निशाना बनाया गया। इस दौरान, कंबोडिया ने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
कंबोडिया के संस्कृति मंत्रालय ने कहा, "यह मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है और यह 'कंबोडियाई लोगों की ऐतिहासिक विरासत' है।"
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेता ने कहा, "कंबोडिया के पास थाईलैंड के खतरों से अपने क्षेत्र की रक्षा करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि हमले "सैन्य ठिकानों पर केंद्रित थे, अन्य स्थानों पर नहीं।"
यह संघर्ष अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बन गया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के उप-प्रवक्ता फरहान हक के अनुसार, एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से किसी भी मुद्दे का समाधान करने की अपील की है।
थाईलैंड ने सभी भूमि सीमा चौकियों को सील कर दिया है और अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है। थाईलैंड की सभी 7 एयरलाइनों ने भी नागरिकों को वापस लाने में मदद करने की पेशकश की है।
थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायाचाई हालात की देखरेख कर रहे हैं और उन्होंने कंबोडिया को किसी भी आक्रामक कदम के खिलाफ चेतावनी दी है।