क्या थाईलैंड और कंबोडिया के बीच संघर्ष बढ़ रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- संघर्ष विराम की महत्वपूर्ण आवश्यकता है।
- दोनों देशों के बीच संवाद को बढ़ावा मिलना चाहिए।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हस्तक्षेप आवश्यक है।
बैंकॉक, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। थाईलैंड की राष्ट्रीय प्रसारण सेवा ने थाई सेना के सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि रविवार तड़के थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर गोलाबारी जारी रही। सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समयानुसार सुबह 6:40 बजे, कंबोडियाई तोप के गोले सुरिन प्रांत में एक नागरिक के निवास पर गिरे। स्थानीय समयानुसार सुबह 7:00 बजे तक भारी हथियारों की आवाजें सुनाई देती रहीं।
हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप से दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद यह दावा किया गया कि संघर्ष विराम पर चर्चा सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है।
कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में झड़पों की शुरुआत गुरुवार को हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया।
इससे पहले, सीजफायर पर थाई मीडिया ने बताया कि कंबोडियाई प्रधानमंत्री हुन मानेट ने शनिवार रात घोषणा की कि उन्होंने थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर बढ़ते सशस्त्र संघर्ष के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की, जिसके बाद कंबोडिया ने तुरंत और बिना शर्त युद्धविराम पर सहमति जताई।
27 जुलाई को सुबह लगभग 2 बजे, अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पेज पर, हुन मानेट ने कहा कि ट्रंप के साथ उनकी बातचीत 26 जुलाई की रात को हुई थी, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों पक्षों में सैन्य एवं नागरिक हताहतों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की थी।
हुन मानेट ने कहा, "राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध और लड़ाई को समाप्त करने की इच्छा व्यक्त की है, जिससे गंभीर जनहानि हो रही है।" उन्होंने आगे कहा, "उन्होंने लंबे समय से दुनिया भर के संघर्षों में मध्यस्थता की भूमिका निभाई है, और एक बार फिर शांति स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं।"
प्रधानमंत्री मानेट ने ट्रंप को बताया कि कंबोडिया दोनों सेनाओं के बीच तत्काल और बिना शर्त युद्धविराम के लिए तैयार है और उन्होंने 24 जुलाई को हुई एक पूर्व चर्चा के दौरान मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को इस स्थिति से अवगत करा दिया था।