क्या थाईलैंड की पीएम पेतोंगटार्न शिनावात्रा का इस्तीफा अनिवार्य है?

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क्या थाईलैंड की पीएम पेतोंगटार्न शिनावात्रा का इस्तीफा अनिवार्य है?

सारांश

थाईलैंड में प्रधानमंत्री पेतोंगटार्न शिनावात्रा और हुन सेन के बीच लीक कॉल ने राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी है। प्रदर्शनकारियों की भीड़ सड़कों पर उतर आई है और प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रही है। यह घटनाक्रम देश की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है।

Key Takeaways

  • थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेतोंगटार्न शिनावात्रा का विवादित फोन कॉल लीक हुआ।
  • बैंकॉक में हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
  • प्रदर्शन का नेतृत्व पार्नथेप पूरपोंगपान कर रहे हैं।
  • संवैधानिक अदालत प्रधानमंत्री को हटाने की याचिका पर सुनवाई करने की योजना बना रही है।
  • कंबोडिया के पूर्व पीएम हुन सेन ने ऑडियो साझा किया था।

बैंकॉक, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेतोंगटार्न शिनावात्रा और कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री हुन सेन के बीच की एक फोन कॉल लीक होने से पूरे देश में राजनीतिक हलचल मच गई है। बैंकॉक की सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी उतर आए और प्रधानमंत्री से तत्काल इस्तीफे की मांग करने लगे।

लीक हुई इस कॉल में शिनावात्रा ने हुन सेन को "अंकल" कहकर संबोधित किया और थाई सैन्य कमांडर पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके बयान केवल "कूल दिखने" के लिए थे, जो व्यावहारिक नहीं थे।

इस बयान से आम जनता में गुस्सा भड़क उठा और शिनावात्रा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ गठबंधन की एक महत्वपूर्ण सहयोगी पार्टी ने भी समर्थन वापस ले लिया।

प्रधानमंत्री ने इस पर स्पष्टीकरण दिया और माफी भी मांगी। बाढ़ प्रभावित उत्तरी थाईलैंड के दौरे पर रवाना होने से पहले उन्होंने पत्रकारों से कहा, "लोगों का शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना उनका अधिकार है।"

प्रदर्शनकारियों की बड़ी भीड़ बैंकॉक के विक्टरी मॉन्यूमेंट वॉर मेमोरियल के पास इकट्ठा हुई, जहाँ उन्होंने झंडे लहराते और "प्रधानमंत्री देश की दुश्मन हैं" जैसे नारे लिखे पोस्टर उठाए हुए थे। भीड़ ने मूसलाधार बारिश के बावजूद प्रदर्शन जारी रखा।

यह 2023 में फ्यू थाई पार्टी की सत्ता में वापसी के बाद सबसे बड़ा प्रदर्शन था। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पार्नथेप पूरपोंगपान ने कहा, "प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि समस्या की जड़ वही हैं।"

इस प्रदर्शन का आयोजन 'यूनाइटेड फोर्स ऑफ द लैंड' नामक राष्ट्रवादी कार्यकर्ताओं के गठबंधन ने किया, जो पिछले दो दशकों से शिनावात्रा परिवार के खिलाफ प्रदर्शन करता रहा है।

उन्होंने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, "कार्यपालिका और संसद लोकतंत्र और संवैधानिक राजतंत्र के हित में काम नहीं कर रही हैं।"

इस पूरे विवाद के बीच, थाईलैंड की संवैधानिक अदालत मंगलवार को यह तय करेगी कि क्या वह प्रधानमंत्री शिनावात्रा को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगी या नहीं। यह याचिका सीनेटरों द्वारा पेश की गई है, जिसमें प्रधानमंत्री पर 'गैर-पेशेवर व्यवहार' का आरोप लगाया गया है।

इस बीच, हुन सेन ने खुलासा किया कि उन्होंने यह ऑडियो 80 राजनेताओं के साथ साझा किया था और उनमें से किसी ने इसे लीक किया। बाद में उन्होंने पूरी 17 मिनट की बातचीत को अपने फेसबुक पेज पर अपलोड कर दिया। इस कॉल में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हालिया सीमा विवाद पर चर्चा की गई थी।

Point of View

हमें समझना होगा कि यह घटना केवल एक फोन कॉल लीक नहीं है, बल्कि यह थाईलैंड की राजनीति में गहरे असंतोष और अस्थिरता का संकेत है। प्रदर्शनकारियों की आवाज़ सुनना और उनकी चिंताओं को समझना आवश्यक है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

लीक कॉल में क्या कहा गया था?
लीक कॉल में पीएम शिनावात्रन ने हुन सेन को 'अंकल' कहा और थाई सैन्य कमांडर के बयान को व्यर्थ बताया।
प्रदर्शनकारियों का मुख्य मांग क्या है?
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग है कि प्रधानमंत्री पेतोंगटार्न शिनावात्रा को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व कौन कर रहा है?
इस प्रदर्शन का नेतृत्व पार्नथेप पूरपोंगपान कर रहे हैं।
क्या प्रधानमंत्री ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी है?
हाँ, प्रधानमंत्री ने स्पष्टीकरण दिया और माफी भी मांगी है।
संवैधानिक अदालत का क्या फैसला होगा?
संवैधानिक अदालत यह तय करेगी कि वह प्रधानमंत्री को हटाने की याचिका पर सुनवाई करेगी या नहीं।
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