क्या उत्तर कोरियाई संसद प्रमुख ने जिनेवा में रूस समेत अन्य देशों के साथ बातचीत की?

सारांश
Key Takeaways
- पाक इन-चोल ने जिनेवा में महत्वपूर्ण वार्ता की।
- रूस और उत्तर कोरिया के बीच करीबी दोस्ती है।
- द्विपक्षीय संबंध उच्च स्तर पर हैं।
- आंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दक्षिण कोरिया का भी प्रतिनिधित्व था।
- चीन के शीर्ष सांसद का सम्मेलन में भाग लेना महत्वपूर्ण है।
सोल, 3 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर कोरिया की सुप्रीम पीपुल्स असेंबली के अध्यक्ष पाक इन-चोल ने स्विट्जरलैंड के जिनेवा में विधानसभा प्रमुखों की एक वैश्विक बैठक के दौरान रूस और तीन अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ महत्वपूर्ण बातचीत की।
उत्तर कोरिया के वरिष्ठ नेता इन-चोल ने हाल ही में विश्व संसद अध्यक्ष सम्मेलन में भाग लेते हुए रूस की फेडरेशन काउंसिल की चेयरपर्सन, मंगोलिया और वियतनाम की संसदों के प्रमुखों तथा लाओस संसद की उपाध्यक्ष से मुलाकात की। यह जानकारी 'योनहाप' समाचार एजेंसी ने कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) के हवाले से दी है।
केसीएनए के अनुसार, रूस की संसदीय अध्यक्ष वालेंटीना मतविएंको ने पाक इन-चोल के साथ बातचीत में कहा कि उत्तर कोरियाई और रूसी नेताओं के बीच करीबी दोस्ती ही वह मूलभूत आधार है, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर तक पहुंचा दिया।
एजेंसी ने यह भी बताया कि रूस-उत्तर कोरिया संबंधों ने हर प्रकार की चुनौतियों को पार किया है और 'व्यापक रणनीतिक साझेदारी संधि' पर हस्ताक्षर के बाद से अपनी अहमियत को सिद्ध किया है। इसके साथ ही उन्होंने उत्तर कोरिया के साथ रूस की एकजुटता को पुनः दोहराया।
चीन के शीर्ष सांसद झाओ लेजी ने भी इस वैश्विक सम्मेलन में भाग लिया, लेकिन उनके और उत्तर कोरिया के प्रतिनिधि पाक इन-चोल के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। इसे इस बात के संकेत के रूप में देखा जा रहा है कि यूक्रेन युद्ध में रूस के साथ उत्तर कोरिया की निकटता के कारण दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार नहीं हुआ है।
यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन (आईपीयू) द्वारा हर पांच वर्षों में आयोजित किया जाता है। यह विभिन्न देशों की संसदों का एक वैश्विक संगठन है। उत्तर कोरिया इस आयोजन में नियमित रूप से अपने प्रतिनिधि भेजता रहा है।
इस वर्ष दक्षिण कोरिया की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष वू वॉन-शिक ने भी सम्मेलन में भाग लिया, लेकिन उनके और पाक के बीच भी कोई बैठक नहीं हुई।