उत्तर कोरिया का इतिहास क्या है? हथियारों के बल पर बना यह देश ताकतवर
सारांश
Key Takeaways
- उत्तर कोरिया का इतिहास जटिल और विवादास्पद है।
- किम जोंग उन का शासन सेना और परमाणु हथियारों के विकास पर केंद्रित है।
- उत्तर कोरिया की सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है।
- सामान्य लोग गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं।
- किम जोंग उन ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए परमाणु ताकत को बढ़ाया।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली सेना के निर्माण के साथ-साथ परमाणु हथियारों का एक बड़ा भंडार भी तैयार किया है। उन्हें एक तानाशाह और क्रूर नेता के रूप में देखा जाता है।
उत्तर कोरिया का अस्तित्व दूसरे विश्व युद्ध के बाद शुरू हुआ। जब जापान ने आत्मसमर्पण किया, तब 1948 में कोरिया का विभाजन हुआ। कोरिया के विभाजन के साथ ही सोवियत संघ (उत्तर) और संयुक्त राज्य अमेरिका (दक्षिण) की स्थापना हुई। किम इल-सुंग ने 9 सितंबर 1948 को सोवियत संघ के समर्थन से प्योंगयांग को राजधानी बनाकर डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) की स्थापना की।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने दक्षिण कोरिया पर कब्जा कर लिया और सोवियत संघ ने उत्तर कोरिया पर। दोनों पक्षों ने मिलकर एक सरकार बनाने पर सहमति नहीं बनाई, जिसके परिणामस्वरूप 15 अगस्त 1948 को दक्षिण कोरिया और 9 सितंबर 1948 को उत्तर कोरिया की स्थापना हुई।
1950 में उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच युद्ध छिड़ गया, जो 1953 में समाप्त हुआ। उत्तर कोरिया ने पूरे प्रायद्वीप को कम्युनिस्ट शासन के तहत एकजुट करने के लिए दक्षिण कोरिया पर आक्रमण किया, जिससे कोरियाई युद्ध की शुरुआत हुई। 1953 में युद्धविराम हुआ, लेकिन किसी संधि पर हस्ताक्षर नहीं हुआ।
उत्तर कोरिया की स्थापना के बाद से किम परिवार का शासन रहा है। किम जोंग इल की हृदयगति रुकने के कारण 2012 में किम जोंग उन ने सत्ता संभाली। तब से वह उत्तर कोरिया के शासक बने हुए हैं।
वर्तमान में, उत्तर कोरिया के पास 10 लाख सैनिकों की क्षमता और शक्तिशाली हथियार हैं। उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों की ताकत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि इसकी सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी सेना है।
हालांकि, उत्तर कोरिया में सामान्य लोग गरीबी में जी रहे हैं, लेकिन किम की सरकार अरबों रुपए खर्च कर के परमाणु हथियार विकसित कर रही है।
किम जोंग इल की सरकार पर कई आरोप लगते रहे हैं, लेकिन वह किसी का उत्तर नहीं देते हैं। एक चीज़, जो समानांतर गति से आगे बढ़ रही है, वह है परमाणु हथियारों का विकास। 2005 में उत्तर कोरिया ने दुनिया को बताया कि उसके पास परमाणु हथियार हैं, और 2006 में उसने इसका परीक्षण करके दुनिया को चौंका दिया। 2009 में उसने दूसरा परमाणु परीक्षण किया।
17 दिसंबर 2011 को किम जोंग इल की मृत्यु की सूचना मिली। उसके बाद किम जोंग उन ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों की ताकत को बढ़ाया।