क्या युवाओं में बढ़ता वेपिंग का चलन भविष्य में सिगरेट और स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा है?

सारांश
Key Takeaways
- ई-सिगरेट का सेवन सिगरेट की लत को बढ़ा सकता है।
- स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।
- ब्रिटेन में युवा वेपिंग की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
- मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- सरकार ने वेपिंग को रोकने के लिए कदम उठाए हैं।
लंदन, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। एक नई वैश्विक रिपोर्ट ने यह उजागर किया है कि ई-सिगरेट (वेपिंग) का उपयोग करने वाले युवा भविष्य में सिगरेट पीने लगते हैं और उन्हें कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
यह रिपोर्ट यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क और लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के शोधकर्ताओं द्वारा तैयार की गई है। इसमें कुल 56 शोध समीक्षाओं को सम्मिलित किया गया है, जो 384 अध्ययन पर आधारित हैं। इन अध्ययनों में विभिन्न देशों से प्राप्त आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है।
रिपोर्ट में 21 अध्ययन विशेष रूप से इस बात की जांच करते हैं कि क्या ई-सिगरेट का सेवन करने वाले युवा बाद में सिगरेट के आदी हो जाते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि यह संबंध काफी मजबूत और स्पष्ट है।
टोबैको कंट्रोल पत्रिका में हाल ही में प्रकाशित निष्कर्षों में, शोधकर्ताओं ने इसे 'चौंकाने वाला पैटर्न' कहा है। उनके अनुसार, जो युवा ई-सिगरेट का उपयोग करते हैं, वे भविष्य में केवल सिगरेट पीना शुरू नहीं करते, बल्कि अधिक बार और अधिक मात्रा में सिगरेट पीते हैं। ये परिणाम कई बार साबित हो चुके हैं।
सिर्फ सिगरेट की लत नहीं, ई-सिगरेट से स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वेपिंग करने वाले युवाओं को श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया होने का खतरा अधिक होता है। इसके साथ ही, अल्कोहल और गांजा जैसे नशों की ओर भी उनका झुकाव बढ़ सकता है।
शारीरिक प्रभावों के अलावा, मानसिक स्वास्थ्य पर भी वेपिंग का नकारात्मक प्रभाव देखा गया है। अध्ययन में यह बताया गया है कि इन युवाओं में सिर दर्द, चक्कर आना, माइग्रेन, डिप्रेशन, और कभी-कभी आत्महत्या के विचार भी उत्पन्न होते हैं।
इस रिपोर्ट के प्रकाशन के साथ ही, ब्रिटेन सरकार ने जून माह से डिस्पोजेबल वाइप्स की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है, चाहे उनमें निकोटीन हो या न हो। यह कदम बच्चों में बढ़ती वेपिंग की लत को रोकने के लिए उठाया गया है।
ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) के आंकड़ों के अनुसार, 11 से 15 वर्ष के लगभग 25 प्रतिशत बच्चों ने कम से कम एक बार वेपिंग की है, और लगभग 10 प्रतिशत बच्चे नियमित रूप से इसका उपयोग करते हैं।
इस बीच, यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) की एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि इंग्लैंड में 2013 से 2023 के बीच लंबे समय तक वेपिंग करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है, विशेषकर 18 वर्ष के युवाओं में। आंकड़ों के अनुसार, 18 वर्ष के 22.7 प्रतिशत लोग लंबे समय से वेपिंग कर रहे हैं, जबकि 65 वर्ष की आयु में यह संख्या केवल 4.3 प्रतिशत है।
यह भी देखा गया है कि अधिकांश वेपिंग करने वाले पहले सिगरेट पी चुके होते हैं, लेकिन अब ऐसे लोग भी वेपिंग की ओर बढ़ रहे हैं जिन्होंने पहले कभी सिगरेट नहीं पी थी।
एनएचएस के अनुसार, ई-सिगरेट सिगरेट छोड़ने में सहायक हो सकती है, लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। इसलिए लोगों को, विशेषकर युवाओं को, सतर्क रहना आवश्यक है।