क्या जिम्बाब्वे में एड्स से संबंधित मौतों में रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है?

सारांश
Key Takeaways
- जिम्बाब्वे में एड्स से संबंधित मौतों की संख्या बढ़ रही है।
- स्वास्थ्य मंत्री ने इस समस्या पर चिंता जताई है।
- संसाधनों की कमी और सामाजिक कलंक मुख्य चुनौतियाँ हैं।
- नए तरीकों और घरेलू साझेदारी की आवश्यकता है।
- एचआईवी का इलाज संभव है।
हरारे, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष की पहली छमाही में जिम्बाब्वे में एड्स से होने वाली मौतों में एक चिंताजनक वृद्धि का सामना करना पड़ा है। स्वास्थ्य और बाल कल्याण मंत्री डगलस मोम्बेशोरा ने इस बात की पुष्टि की।
राजधानी हरारे में एचआईवी पर आयोजित एक मीडिया वर्कशॉप में उन्होंने बताया कि जनवरी से जून 2025 तक देश में एड्स से संबंधित बीमारियों के कारण 5,932 मौतें हुईं, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह संख्या 5,712 थी। इस प्रकार, इस वर्ष 220 मौतों की वृद्धि हुई है।
मंत्री ने कहा, “यह वृद्धि हमें बताती है कि हमारा कार्य अभी समाप्त नहीं हुआ है।”
हालांकि, उन्होंने इस वृद्धि के कारणों को स्पष्ट नहीं किया, लेकिन जिम्बाब्वे में एचआईवी और एड्स के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रगति की बात की, खासकर यूएनएड्स के 95-95-95 लक्ष्यों को प्राप्त करने में। फिर भी, संसाधनों की कमी, सामाजिक कलंक और भेदभाव जैसी चुनौतियाँ इस प्रगति को खतरे में डाल रही हैं।
मोम्बेशोरा ने कहा, “हमें इन समस्याओं का सामना दृढ़ता और ईमानदारी से करना होगा। भ्रांतियों और भेदभाव को खत्म करना न केवल हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, बल्कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है।”
उन्होंने यह भी बताया कि जिम्बाब्वे फंडिंग की कमी का सामना कर रहा है, जिससे सामुदायिक सेवाओं और आउटरीच स्टाफ को बनाए रखना मुश्किल हो रहा है।
मंत्री ने सुझाव दिया कि देश को सेवा प्रदान करने के लिए नए तरीके अपनाने और घरेलू साझेदारी को बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके साथ ही, एक आत्मनिर्भर राष्ट्रीय रणनीति विकसित करना आवश्यक है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, एचआईवी एक ऐसा वायरस है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है और एड्स इसका सबसे गंभीर रूप है। यह रक्त, स्तन के दूध, वीर्य और योनि के तरल पदार्थों से फैलता है। यह किसी को छूने, किस करने, गले लगाने या साथ बैठकर भोजन करने से नहीं फैलता।
एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) के माध्यम से एचआईवी को रोका और इलाज किया जा सकता है। बिना इलाज के यह वर्षों बाद एड्स में बदल सकता है।