क्या बीजापुर मुठभेड़ में 16 लाख के दो इनामी माओवादी ढेर हुए?

सारांश
Key Takeaways
- सुरक्षा बलों ने दो इनामी माओवादी मारे।
- मुठभेड़ में भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए।
- बीजापुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है।
- नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षा कार्रवाई जारी है।
- माओवादी गतिविधियों पर काबू पाने के लिए सुरक्षा बलों की सक्रियता बढ़ी।
बीजापुर, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में सुरक्षा बलों को एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। यहां शुक्रवार सुबह प्रारंभ हुई मुठभेड़ में पुलिस ने 8-8 लाख रुपये के दो इनामी माओवादियों को ढेर कर दिया। घटनास्थल से पुलिस ने हथियार, विस्फोटक और प्रतिबंधित नक्सली साहित्य भी जब्त किया है।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव ने कहा कि जिले के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों की विश्वसनीय सूचना मिलने पर डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप) की टीम ने सर्च ऑपरेशन प्रारंभ किया। अभियान के दौरान सुबह से ही पुलिस बल और माओवादियों के बीच लगातार मुठभेड़ होती रही।
इस ऑपरेशन के दौरान दो इनामी माओवादी मारे गए। पहले माओवादी की पहचान हिड़मा पोड़ियाम (34) के रूप में हुई, जो बेडसेट, इन्द्रावती क्षेत्र का निवासी था। वह पीपीसीएम कंपनी नंबर 2, प्लाटून नंबर 1 का सदस्य था और उस पर 8 लाख रुपये का इनाम था। दूसरे माओवादी की पहचान मुन्ना मड़कम (25) के रूप में हुई, जो कटेकल्याण, जिला दंतेवाड़ा का निवासी था। वह भी कंपनी नंबर 02, प्लाटून नंबर 01 का सदस्य था और उस पर भी 8 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और प्रतिबंधित नक्सली साहित्य बरामद किए।
इससे पहले, बीजापुर के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र में शुक्रवार सुबह सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो नक्सलियों को ढेर किया गया था। इस दौरान घटनास्थल से एक राइफल सहित अन्य हथियार और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री जब्त की गई। माओवादियों के शव के पास से एक .303 राइफल, एक एसएलआर, कुछ देसी हथियार और भारी मात्रा में आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किए गए थे।
बताते चलें कि बीजापुर, छत्तीसगढ़ का एक ऐसा जिला है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रमुख है। यहां के घने जंगल माओवादियों के लिए छिपने का सुरक्षित स्थान बने हुए हैं। इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में कई मुठभेड़ें हुई हैं, जिनमें कई नक्सली मारे जा चुके हैं।