क्या गिरिराज सिंह की बातों को कोई गंभीरता से लेता है? : राजेश ठाकुर

सारांश
Key Takeaways
- गिरिराज सिंह की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए गए हैं।
- लोकतंत्र में जनता का मत महत्वपूर्ण है।
- राजेश ठाकुर ने वोट चोरी का उल्लेख किया।
- विशेष समुदायों के बारे में विवादास्पद टिप्पणियों को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
- गिरिराज सिंह को अपने रवैये में बदलाव लाने की सलाह दी गई।
रांची, 13 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड कांग्रेस के नेता राजेश ठाकुर ने भाजपा नेता गिरिराज सिंह की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जो भी उनके मन में आता है, वह वही बोल देते हैं। इसलिए कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेता है।
राजेश ठाकुर ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि गिरिराज सिंह की मानसिक स्थिति सही नहीं है। यही कारण है कि वह जो सोचते हैं, उसे बिना सोचे-समझे बोल देते हैं। शायद यही वजह है कि वर्तमान में उन्हें कोई भी गंभीरता से नहीं लेता है।
उन्होंने इसके साथ ही कथित वोट चोरी का भी उल्लेख किया। उनका कहना था कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में कौन कैसे है और किसका व्यवहार कैसा है, इसे हम नहीं तय करते। इसे देश की जनता तय करती है। आने वाले समय में जनता इन लोगों के चाल, चरित्र और चेहरे को पूरी तरह से उजागर करेगी।
राजेश ठाकुर ने स्पष्ट किया कि किसी विशेष समुदाय के बारे में किसी भी प्रकार की विवादास्पद टिप्पणी को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे बयान हमारे समाज के लिए कभी भी हितकारी नहीं हो सकते।
उन्होंने गिरिराज सिंह के रवैये पर भी सवाल उठाया और कहा कि वे किसी मंदिर के पुजारी नहीं हैं। ऐसे में उन्हें कुछ भी तय करने का अधिकार नहीं है। इस देश में लोकतंत्र है और किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्णय लेने का अधिकार केवल देश की जनता को होता है। इन लोगों ने मंदिर के पीछे छिपकर राजनीति में अपनी जगह बनाई है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में अब हमें लगता है कि गिरिराज सिंह को अपने रवैये में बदलाव लाना चाहिए। उन्हें सिर्फ राजनीति पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और जिस समुदाय का वह प्रतिनिधित्व करते हैं, उसकी गरिमा बनाए रखनी चाहिए। अगर वे ऐसा करेंगे, तो यह उनके लिए ही बेहतर होगा।