क्या विशाखापत्तनम नौसेना जासूसी मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने 2 और आरोपियों को सजा सुनाई?

सारांश
Key Takeaways
- एनआईए की विशेष अदालत ने जासूसी मामले में सजा दी।
- दोनों आरोपी विदेशी खुफिया एजेंसियों के एजेंट रहे हैं।
- जासूसी गतिविधियों से देश की सुरक्षा को खतरा था।
- आरोपियों ने अवैध मनी ट्रांसफर में भी भाग लिया।
- कुल 15 आरोपियों में से 4 को दोषी ठहराया गया है।
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने विशाखापत्तनम नौसेना जासूसी मामले में दो और आरोपियों को सजा सुनाई है, जिससे अब तक कुल दोषसिद्धि चार हो गई है।
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम की विशेष अदालत ने मुंबई निवासी मोहम्मद हारून हाजी अब्दुल रहमान लकड़ावाला को यूए(पी) अधिनियम की धारा 17 और 18 के तहत साढ़े पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। गुजरात के गोधरा निवासी इमरान याकूब गितेली को भी इन्हीं अपराधों के लिए 6 साल के साधारण कारावास की सजा सुनाई गई है। आरोपियों पर 5000-5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है और जुर्माना न चुकाने पर उन्हें एक साल का अतिरिक्त साधारण कारावास भी भुगतना होगा।
यह मामला देश में सक्रिय विदेशी जासूसों-एजेंटों द्वारा महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और भारतीय नौसेना प्रतिष्ठानों पर की गई जासूसी गतिविधियों से संबंधित है। एनआईए ने लकड़ावाला को मई 2020 में और गितेली को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था। उन्हें उनके संबंधित गृह राज्यों से पकड़ा गया।
दोनों आरोपी विदेशी खुफिया एजेंसियों के एजेंट पाए गए और भारत में जासूसी गतिविधियों में शामिल थे, जिससे देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा था। ये लोग व्हाट्सएप के जरिए पाकिस्तानी जासूसों-एजेंटों के नियमित संपर्क में थे।
दोनों के पाकिस्तान में रिश्तेदार थे और पड़ोसी देश की यात्राओं के दौरान वे पाक खुफिया एजेंसियों के संपर्क में आए थे।
जांच में पता चला कि वे गैरकानूनी चैनलों के माध्यम से पाकिस्तान के साथ अवैध कपड़ों और अन्य कई व्यवसायों में लगे हुए थे। आरोपियों ने पाकिस्तानी एजेंटों के निर्देश पर मुंबई और गोधरा से ऑनलाइन मनी ट्रांसफर पॉइंट्स ऑफ सेल (पीओएस) और अन्य बैंकिंग चैनलों के माध्यम से आरोपी नौसेना कर्मियों के खातों में विभिन्न राशियां जमा की थीं।
एनआईए, जिसने दिसंबर 2019 में काउंटर इंटेलिजेंस पुलिस स्टेशन, खुफिया विभाग, आंध्र प्रदेश पुलिस, विजयवाड़ा से जांच का कार्यभार संभाला था, ने जांच के दौरान 11 नौसेना कर्मियों सहित कुल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जून 2020 में एजेंसी ने 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिसके बाद मार्च 2021 में 1 आरोपी के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था।