क्या 20 जून पंचांग में शोभन योग बन रहा है? जानें क्यों इसे कहा जाता है सजीला और रमणीय

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क्या 20 जून पंचांग में शोभन योग बन रहा है? जानें क्यों इसे कहा जाता है सजीला और रमणीय

सारांश

20 जून को शोभन योग का निर्माण हो रहा है, जो कि मां लक्ष्मी के पूजन का भी दिन है। जानिए इस योग के महत्व और इसके प्रभाव के बारे में। क्या यह योग आपके जीवन को भी शुभ बनाएगा?

Key Takeaways

  • शोभन योग शुभ कार्यों के लिए उत्तम है।
  • यह योग सुखद यात्रा की संभावना बढ़ाता है।
  • इस योग में जन्मे जातक गुणवान होते हैं।
  • कुंडली में शुक्र की स्थिति से यह योग बनता है।
  • यह योग धार्मिक कार्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 19 जून (राष्ट्र प्रेस)। 20 जून को शुक्रवार है। यह एक ऐसा दिन है जब मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। राहुकाल 10:38 अपराह्न से 12:23 अपराह्न तक रहेगा। इस दिन रेवती नक्षत्र का योग है। सूर्योदय 5:24 प्रात: और सूर्यास्त 19:22 सायं बजे होगा। आज हम बात करेंगे उस योग की जिसे सजीला और रमणीय कहा जाता है और यह 27 योगों में से एक शोभन है।

शोभन नाम से ही यह स्पष्ट है कि यह एक शुभ योग है। दृक पंजांगानुसार, शोभन को अधिकांश शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इसीलिए इसे शुभ मुहूर्त में स्वीकार किया गया है। शुभ कार्य करने और यात्रा पर निकलने के लिए यह योग बेहद उत्तम है। यात्रा मंगलमय और सुखद रहती है। इस योग के अंतर्गत यात्रा करने पर मार्ग में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होती और जिस कामना से यात्रा की जाती है, वह भी पूरी होती है। 20 जून को शोभन योग का आरंभ 02:46 पर और समापन 23:47 पर होगा।

तो इसे रमणीय या सजीला क्यों कहा जाता है? दरअसल, शास्त्रों के अनुसार इस योग में जन्मे जातक में कामुकता होती है और वह तीक्ष्ण बुद्धि का होता है। व्यक्ति का धार्मिक स्वभाव होता है और यह पेशेवर कार्यों के लिए भी उत्तम योग माना जाता है। इस योग में जन्मे जातक की बौद्धिकता का विकास होता है, वह गुणवान और मीठा बोलने वाला होता है। देखने में आकर्षक होता है और उसके विचार भी प्रगतिशील होते हैं।

शोभन योग कैसे बनता है? कुंडली में यदि शुक्र, बृहस्पति या बुध के साथ केंद्र या कोण में हों और शुक्र उच्च का या स्वगृही हो, तो शोभन योग बनता है। इस योग में जातक तीक्ष्ण मेधा शक्ति वाला होता है। यदि यह योग नौवें धर्म भाव में बनता है, तो जातक अत्यंत प्रगतिशील और धार्मिक होता है।

शुभ मुहूर्त या योग पर चर्चा मुहूर्त मार्तण्ड, मुहूर्त गणपति, धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु आदि शास्त्रों में की गई है। हिन्दू पंचांग में मुख्य 5 बातों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। ये 5 हैं- पहला तिथि, दूसरा वार, तीसरा नक्षत्र, चौथा योग और पांचवां करण। कुल 27 योगों में से शोभन 5वें स्थान पर आता है।

Point of View

यह कहना उचित है कि शोभन योग का महत्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि यह हमारे दैनिक जीवन में सकारात्मकता और प्रगति भी लाता है।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

शोभन योग क्या है?
शोभन योग एक शुभ योग है जो धार्मिक कार्यों और यात्रा के लिए उत्तम माना जाता है।
शोभन योग का निर्माण कैसे होता है?
यह योग तब बनता है जब कुंडली में शुक्र, बृहस्पति या बुध विशेष स्थिति में होते हैं।
क्या शोभन योग में जन्मे जातक को विशेष गुण होते हैं?
जी हां, इस योग में जन्मे जातक में तीक्ष्ण बुद्धि और धार्मिक स्वभाव होता है।
राहुकाल का समय क्या है?
20 जून को राहुकाल 10:38 अपराह्न से 12:23 अपराह्न तक रहेगा।
रेवती नक्षत्र का क्या महत्व है?
रेवती नक्षत्र का योग शुभ कार्यों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।