क्या प्रवर्तन निदेशालय 2026 में एसेट रिकवरी इंटर-एजेंसी नेटवर्क एशिया पैसिफिक की अध्यक्षता करेगा?

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क्या प्रवर्तन निदेशालय 2026 में एसेट रिकवरी इंटर-एजेंसी नेटवर्क एशिया पैसिफिक की अध्यक्षता करेगा?

सारांश

क्या प्रवर्तन निदेशालय 2026 में एसेट रिकवरी इंटर-एजेंसी नेटवर्क एशिया पैसिफिक का नेतृत्व करेगा? जानें इस महत्वपूर्ण अवसर के पीछे की कहानी और इसके प्रभाव।

Key Takeaways

  • 2026 में भारत एआरआईएन-एपी का नेतृत्व करेगा।
  • यह एसेट रिकवरी में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करेगा।
  • प्रवर्तन निदेशालय भारत की नोडल एजेंसी है।
  • 28 सदस्य क्षेत्राधिकार और 10 पर्यवेक्षक नेटवर्क का हिस्सा हैं।
  • भारत की अध्यक्षता से संपत्ति वसूली में वैश्विक नीति पर प्रभाव पड़ेगा।

नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय 2026 में एसेट रिकवरी इंटर-एजेंसी नेटवर्क एशिया पैसिफिक (एआरआईएन-एपी) की अध्यक्षता करेगा। मंगोलिया ने वर्ष 2026 के लिए भारत को एआरआईएन-एपी की अध्यक्षता सौंपी है। भारत का प्रतिनिधित्व उसकी नोडल एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) करेगा।

मंगोलिया की राजधानी उलानबटार में 23 से 26 सितंबर 2025 तक 10वीं एआरआईएन-एपी की वार्षिक आम बैठक आयोजित की गई। 2016 से एसेट रिकवरी प्रैक्टिशनर्स के इस प्रमुख बहु-एजेंसी नेटवर्क से जुड़े होने के कारण प्रवर्तन निदेशालय को इससे पहले 2024 में इसके शीर्ष निकाय, संचालन समिति के लिए चुना गया था। भारत आगामी वर्ष में नेटवर्क की 11वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की भी मेज़बानी करेगा।

भारत के लिए एआरआईएन-एपी की यह अध्यक्षता केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। नेटवर्क का संचालन करते हुए संयुक्त निदेशक (समन्वय), गृह मंत्रालय ने अपने स्वीकृति भाषण में कहा, "एआरआईएन-एपी केवल एक नेटवर्क नहीं, बल्कि एक परिवार, एक समुदाय और एक मंच है, जहां व्यावहारिक चुनौतियां साझा की जाती हैं, जहां समाधान सहयोगात्मक रूप से तैयार किए जाते हैं और जहां सभी अधिकार क्षेत्रों में विश्वास का निर्माण होता है।"

भाषण में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की भी पहचान की गई, जिन पर भारत अपनी अध्यक्षता के दौरान ध्यान केंद्रित करेगा, जिसमें एआरआईएन-एपी की सदस्य एजेंसियों के बीच त्वरित, व्यवसायी-से-व्यवसायी संपर्क को मजबूत करना, क्षमता निर्माण और सहकर्मी अधिगम, और समाचार पत्रों, सफलता की कहानियों आदि के माध्यम से दृश्यता और पहुंच को बढ़ाना शामिल है।

एशिया प्रशांत का एसेट रिकवरी इंटर-एजेंसी नेटवर्क (एआरआईएन-एपी) व्यवसायियों और विशेषज्ञों का एक अनौपचारिक मंच है, जिसका उद्देश्य आपराधिक आय की पहचान, पता लगाने, फ्रीज करने और वसूली में सहयोग को मजबूत करना है। यह नेटवर्क सदस्य अधिकार क्षेत्रों के संपर्क बिंदुओं के बीच सूचनाओं के सीधे आदान-प्रदान को सक्षम बनाता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग में तेजी आती है और कानून प्रवर्तन कार्रवाई की प्रभावशीलता बढ़ती है।

वर्तमान में, एआरआईएन-एपी 28 सदस्य क्षेत्राधिकारों और 10 पर्यवेक्षकों को एक साथ लाता है, जो कैमडेन एसेट रिकवरी इंटर-एजेंसी नेटवर्क (सीएआरआईएन) के व्यापक ढांचे के अंतर्गत कार्य करते हैं, जिसमें 100 से अधिक क्षेत्राधिकार शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय इस नेटवर्क के अंतर्गत भारत के लिए नामित नोडल एजेंसी है।

2026 में एआरआईएन-एपी वार्षिक आम बैठक की मेज़बानी करके भारत न केवल एजेंसी-से-एजेंसी के बीच गहन सहयोग के लिए एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि संपत्ति वसूली पर वैश्विक नीति और सर्वोत्तम प्रथाओं को आकार देने में अपनी भूमिका को भी मजबूत करेगा। अध्यक्षता ईडी को वैश्विक पहलों के साथ तालमेल बढ़ाने, अपराध की आय से निपटने में मजबूत अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को बढ़ावा देने और वित्तीय अपराधों एवं धन शोधन से निपटने में भारत की विशेषज्ञता को साझा करने का अवसर देगी।

गृह मंत्रालय ने सभी केंद्रीय और राज्य प्रवर्तन एजेंसियों को अपराध की आय से प्राप्त संपत्तियों की पहचान के लिए एआरआईएन-एपी के मंच का उपयोग करने की सलाह दी है। एआरआईएन-एपी में ईडी की भागीदारी, एफएटीएफ, जी20 और ग्लोबई नेटवर्क जैसे अन्य बहुपक्षीय मंचों में भारत की भागीदारी का पूरक है और हमारे इस विश्वास को दर्शाती है कि वित्तीय अपराध से अलग-थलग रहकर नहीं लड़ा जा सकता। ये घटनाक्रम वित्तीय और संगठित अपराध को रोकने के लिए भारत के धन-आधारित दृष्टिकोण को भी पुनः स्थापित करते हैं, जिसके तहत अपराधियों को उनके अवैध लाभ से वंचित किया जाता है। ये भारत के उस दृष्टिकोण को प्रतिध्वनित करते हैं जो भगोड़े आर्थिक अपराधियों के विरुद्ध 9-सूत्री एजेंडा के माध्यम से प्रकट होता है, जिसे भारत ने पहली बार 2018 जी20 शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत किया था और 2023 में जी20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह की भारत की अध्यक्षता के दौरान एमएलए और संपत्ति वसूली पर उच्च-स्तरीय सिद्धांतों को अपनाया गया था।

Point of View

यह कहना उचित है कि प्रवर्तन निदेशालय की अध्यक्षता भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि संपत्ति वसूली की वैश्विक नीतियों में भारत की भूमिका को भी मजबूत करेगा।
NationPress
26/09/2025

Frequently Asked Questions

एआरआईएन-एपी क्या है?
एआरआईएन-एपी एशिया प्रशांत का एसेट रिकवरी इंटर-एजेंसी नेटवर्क है, जिसका उद्देश्य आपराधिक आय की पहचान, पता लगाने और वसूली में सहयोग को बढ़ाना है।
भारत को एआरआईएन-एपी की अध्यक्षता कब मिली?
भारत को मंगोलिया द्वारा 2026 के लिए एआरआईएन-एपी की अध्यक्षता सौंपी गई है।
इस नेटवर्क में कितने सदस्य हैं?
वर्तमान में, एआरआईएन-एपी में 28 सदस्य क्षेत्राधिकार और 10 पर्यवेक्षक शामिल हैं।
भारत का नोडल एजेंसी कौन है?
भारत की नोडल एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) है।
भारत एआरआईएन-एपी की अध्यक्षता से क्या लाभ उठाएगा?
भारत एआरआईएन-एपी की अध्यक्षता के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और संपत्ति वसूली की सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने का अवसर प्राप्त करेगा।