क्या जोधपुर में स्वामिनारायण मंदिर का प्रतिष्ठा महोत्सव एक ऐतिहासिक पल है?

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क्या जोधपुर में स्वामिनारायण मंदिर का प्रतिष्ठा महोत्सव एक ऐतिहासिक पल है?

सारांश

जोधपुर का स्वामिनारायण मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव एक अद्वितीय कार्यक्रम था, जहाँ शिल्पियों को सम्मानित किया गया। महंत स्वामी महाराज ने सभी कारीगरों को आशीर्वाद दिया और उनके योगदान को सराहा। यह अवसर सभी के लिए गर्व और आध्यात्मिकता से भरा हुआ था। जानिए कैसे यह समारोह बना एक अविस्मरणीय क्षण!

Key Takeaways

  • स्वामिनारायण मंदिर का प्रतिष्ठा महोत्सव जोधपुर के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना है।
  • महंत स्वामी महाराज ने शिल्पियों को सम्मानित किया।
  • इस समारोह ने समाज में सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया।
  • कारीगरों के योगदान को सराहा गया।
  • यह एक आध्यात्मिक उपलब्धि का प्रतीक है।

जोधपुर, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कालीबेरी सूरसागर में स्थित नए और भव्य स्वामिनारायण मंदिर का प्रतिष्ठा महोत्सव जोधपुर के ऐतिहासिक पन्नों में एक विशेष स्थान ग्रहण कर गया। इस अवसर पर गुरु महंत स्वामी महाराज ने अपनी पवित्र इच्छा व्यक्त की कि वे मंदिर निर्माण में सहयोग देने वाले सभी शिल्पियों का स्वयं पूजन और सम्मान करेंगे।

इसी क्रम में महंत स्वामी महाराज ने शुक्रवार को दोपहर 12.30 बजे विशेष रूप से आयोजित शिल्पी सम्मान सभा में अपनी करुणामयी उपस्थिति से प्रत्येक कारीगर को आशीर्वाद और सम्मान प्रदान किया। इस कार्यक्रम में सभी शिल्पियों को एक-एक करके मंच पर आमंत्रित किया गया। सबसे पहले माला अर्पण कर उन्हें बहुमानित किया गया। इसके पश्चात साफा-पगड़ी बांधकर तिलक और पूजन किया गया। सद्गुरु संतों ने वस्त्र ओढ़ाकर और प्रसाद देकर सभी का मुंह मीठा कराया।

यह दृश्य एक राजसी दरबार की भव्यता और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम बन गया।

इस अवसर पर कारीगर उदय सिंह ने कहा, “यह मेरे जीवन का सबसे अविस्मरणीय क्षण है। ऐसा सम्मान हमें कौन दे सकता है? आज हम कृतार्थ हो गए हैं।”

महंत स्वामी महाराज ने आशीर्वाद स्वरूप कहा, “आप छोटे नहीं हैं। मंदिर में किया गया प्रत्येक श्रम पावन है। आपने मंदिर निर्माण में योगदान देकर स्वयं को महान भक्त बना लिया है। आप सभी अक्षरमुक्त और एकांतिक भक्त बनेंगे। अगर हम आपको दंडवत प्रणाम करें तो भी कम है।”

सभा के समापन पर महंत स्वामी महाराज ने सभी शिल्पियों के साथ सामूहिक फोटो खिंचवाया। यह क्षण उन सभी के लिए जीवन भर का गौरव और आध्यात्मिक उपलब्धि बन गया।

Point of View

बल्कि यह समाज में सहयोग और समर्पण की भावना को भी उजागर करता है। इस तरह के आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर हमारे संस्कृति को और मजबूत करते हैं।
NationPress
27/12/2025

Frequently Asked Questions

स्वामिनारायण मंदिर का प्रतिष्ठा महोत्सव कब मनाया गया?
यह महोत्सव 26 सितंबर को मनाया गया।
इस समारोह में किसने शिल्पियों का सम्मान किया?
महंत स्वामी महाराज ने शिल्पियों का सम्मान किया।
इस समारोह का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इसका मुख्य उद्देश्य मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले शिल्पियों का सम्मान करना था।
क्या समारोह में कोई विशेष गतिविधियाँ थीं?
हां, समारोह में शिल्पियों को माला पहनाना, तिलक करना और सामूहिक फोटो खिंचवाना शामिल था।
इस आयोजन का महत्व क्या है?
यह आयोजन शिल्पियों के योगदान को मान्यता देने और आध्यात्मिकता का जश्न मनाने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।
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