क्या आप 2026 में सफलता और शांति चाहते हैं? तो घर के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स!
सारांश
Key Takeaways
- पुराना सामान हटाएं - नई ऊर्जा के लिए स्थान बनाएं।
- सफाई नियमित रखें - मानसिक शांति के लिए आवश्यक है।
- टूटी चीजों को ठीक करें - जीवन में रुकावटों को दूर करें।
- अव्यवस्था से बचें - आर्थिक स्थिरता के लिए आवश्यक है।
- सकारात्मकता को आमंत्रित करें - स्वास्थ्य और धन दोनों में सुधार होगा।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नया साल केवल तारीख बदलने का अवसर नहीं है, बल्कि यह हमारे घर और जीवन को नए तरीके से सजाने का भी समय है। जैसे हम नई डायरी या नया कैलेंडर शुरू करते हैं, वैसे ही हमारे घर की ऊर्जा भी एक नई शुरुआत की मांग करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य, धन और सोच पर गहरा प्रभाव डालती है।
यदि घर में अव्यवस्था, टूटी चीजें और गंदगी जमा हो जाएं, तो नई शुरुआत में बाधा आ सकती है। इसलिये, साल 2026 का स्वागत करने से पहले घर को वास्तु के दृष्टिकोण से समझना और सुधारना अत्यंत आवश्यक है।
कबाड़ और फालतू सामान: पुराने अखबारों का ढेर, टूटे बर्तन, खराब मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक चीजें और ऐसे सामान जिनका महीनों से कोई उपयोग नहीं हुआ, घर में रुकी हुई ऊर्जा पैदा करते हैं। वास्तु के अनुसार, ऐसी चीजें बीते समय का बोझ लेकर चलती हैं। जब पुराना और बेकार सामान भरा रहता है, तो नए अवसरों के लिए स्थान नहीं बचता। इसका असर यह होता है कि मेहनत के बावजूद पैसा नहीं टिकता और खर्च बढ़ता चला जाता है। नए साल के आगमन से पहले ऐसे सामान को दान, रिसाइकल या बाहर निकाल देना घर की ऊर्जा को हल्का करता है।
बेकार सामान को रखना: टूटे-फूटे सामान को संभालकर रखना एक बड़ी वास्तु गलती मानी जाती है। बंद घड़ी, खराब कुर्सी, चरमराते दरवाजे या खराब स्विच यह संकेत देते हैं कि जीवन में कहीं न कहीं रुकावट है। वास्तु मान्यता कहती है कि टूटे सामान ठहराव और निराशा का प्रतीक होते हैं। ऐसे सामान को या तो तुरंत ठीक कराना चाहिए या फिर घर से हटा देना चाहिए, ताकि ऊर्जा फिर से सक्रिय हो सके।
जाले और गंदगी: घर के कोनों में जाले और गंदगी का वास्तु में विशेष उल्लेख है। जाले इस बात का संकेत हैं कि उस स्थान पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया गया। ऐसी जगहों पर ऊर्जा रुक जाती है और वहां भारीपन महसूस होने लगता है। इसका प्रभाव घर के लोगों के मन पर पड़ता है, जिससे तनाव, उलझन और आलस्य बढ़ सकता है। नियमित सफाई, विशेषकर कोनों और बंद जगहों की, घर में सकारात्मकता लाती है।
अव्यवस्थित घर: कई बार घर का कोई एक हिस्सा ऐसा होता है जहां जाते ही घुटन, अजीब सी बेचैनी या भारीपन महसूस होता है। वास्तु के अनुसार यह रुकी हुई ऊर्जा का संकेत है। ऐसी जगहों पर रोशनी बढ़ाना, हवा का रास्ता खोलना और अनावश्यक सामान हटाना बहुत मददगार होता है। जब वह कोना साफ और उजला होता है, तो मन भी अपने आप हल्का महसूस करने लगता है। अव्यवस्थित घर अनियंत्रित खर्चों को न्योता देता है। जब घर साफ और व्यवस्थित होता है, तो व्यक्ति के विचार भी साफ रहते हैं और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है।