क्या हेराफेरी मामले में सीबीआई अदालत ने एसएसबी के सहायक कमांडेंट और उपनिरीक्षक को सजा सुनाई?

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क्या हेराफेरी मामले में सीबीआई अदालत ने एसएसबी के सहायक कमांडेंट और उपनिरीक्षक को सजा सुनाई?

सारांश

सीबीआई अदालत ने एसएसबी के एक सहायक कमांडेंट और उपनिरीक्षक को २४ लाख रुपए की हेराफेरी के लिए सजा सुनाई है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और क्या है इसके पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • सीबीआई ने एसएसबी के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
  • आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके धोखाधड़ी की गई।
  • अदालत ने आरोपियों को दोषी ठहराया और सजा सुनाई।
  • सख्त कानून व्यवस्था की आवश्यकता है।
  • सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करना जरूरी है।

नई दिल्ली, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने एसएसबी के सहायक कमांडेंट और उपनिरीक्षक को २४ लाख रुपए मूल्य के जब्त माल की हेराफेरी के लिए एक वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई।

पटना की सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को तत्कालीन डिप्टी कमांडेंट आनंद कुमार (जो कि अब मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं), असिस्टेंट कमांडेंट विजय कुमार झा और एसआई अपूर्वा सरकार (दोनों १९वीं बटालियन, एसएसबी, बथनाहा, फारबिसगंज) को २४ लाख रुपए मूल्य के जब्त माल की हेराफेरी के लिए ५० हजार रुपए प्रत्येक के जुर्माने के साथ एक वर्ष के कठोर कारावास (आरआई) की सजा सुनाई।

सीबीआई ने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर यह मामला दर्ज किया। इसमें आरोप लगाया गया कि आनंद कुमार, विजय कुमार झा और एसआई अपूर्वा सरकार ने वर्ष २००९ के दौरान आपस में एक आपराधिक साजिश रची और लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके धोखाधड़ी और बेईमानी से उनके द्वारा जब्त किए गए लगभग २४ लाख रुपए मूल्य के एक ट्रक सुपारी का गबन किया।

जांच के बाद सीबीआई ने १३ जुलाई २०१२ को तत्कालीन डिप्टी कमांडेंट आनंद कुमार (मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई), असिस्टेंट कमांडेंट विजय कुमार झा और सब-इंस्पेक्टर अपूर्वा सरकार के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया।

कोर्ट ने आरोपियों पर लगे आरोपों को सही पाया और उन्हें दोषी ठहराया और सजा सुनाई।

इससे पहले, २३ सितंबर को सीबीआई मामलों की विशेष अदालत (अहमदाबाद) ने एक पुराने फर्जी फायर इंश्योरेंस क्लेम घोटाले में दो लोगों को दोषी ठहराते हुए ५-५ साल की कारावास और कुल ६० लाख रुपए का जुर्माना सुनाया है।

जिन दो लोगों को सजा सुनाई गई है, उनमें पहला आरोपी राशिक जे पटेल दलसानिया (मीरा केमिकल्स, जीआईडीसी पनोली, भरूच का पार्टनर) को ५ साल की सजा और ४५ लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वहीं दूसरा दोषी संजय रमेश चित्रे (एसआर चित्रे एंड कंपनी का प्रोप्राइटर और सर्वेयर था) को ५ साल की सजा और १५ लाख रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है।

Point of View

बल्कि लोगों का विश्वास भी बढ़ाता है। हमें ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में कोई भी इस तरह की हेराफेरी करने की हिम्मत न करे।
NationPress
24/09/2025

Frequently Asked Questions

सीबीआई अदालत ने किसे सजा सुनाई है?
सीबीआई अदालत ने एसएसबी के सहायक कमांडेंट और उपनिरीक्षक को २४ लाख रुपए की हेराफेरी के लिए सजा सुनाई है।
इस मामले में सजा कितनी है?
इस मामले में दोषियों को एक वर्ष का कठोर कारावास और ५० हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है।