क्या बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राहुल गांधी और खड़गे की बैठक महत्वपूर्ण है?

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में बैठक हुई।
- बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा की गई।
- इंडिया गठबंधन के साथ तालमेल पर विचार किया गया।
- कांग्रेस ने पिछले चुनाव में केवल 19 सीटें जीती थीं।
- बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने महत्वपूर्ण रणनीतियों पर बात की।
नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इस वर्ष के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी आई है। इसी क्रम में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता में मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक का आयोजन किया गया।
इस बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान और मदन मोहन झा के साथ-साथ सांसदों ने भी भाग लिया।
बैठक में आगामी बिहार चुनावों के बारे में विचार-विमर्श किया गया। इस बात की जानकारी कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपने आधिकारिक 'एक्स' हैंडल के माध्यम से साझा की।
उन्होंने अपने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी के नेतृत्व में, बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान और मदन मोहन झा तथा सांसदों सहित बिहार के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।"
इसके साथ ही, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस के आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट को फिर से साझा किया, जिसमें उल्लेख किया गया था, "कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से बिहार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने मुलाकात की।"
सूत्रों के अनुसार, बैठक में विपक्षी इंडिया गठबंधन के साथ तालमेल को लेकर भी चर्चा की गई।
बैठक से पहले बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने कहा था, "बिहार में अब तक हुए कार्यों की समीक्षा की जाएगी और आगे की रणनीति बनाई जाएगी।"
कांग्रेस बिहार अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा था, "इंडी गठबंधन को मजबूत करने की पूरी तैयारी है और यह बैठक सभी मुद्दों को लेकर है, चाहे वह सीट शेयरिंग हो या चुनाव प्रचार, सभी पर चर्चा हो सकती है।"
गौरतलब है कि पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों में से केवल 19 सीटें ही अपने नाम की थीं।