क्या राधाकृष्णन की जीत से इंडिया गठबंधन में दरार के संकेत मिलते हैं?

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क्या राधाकृष्णन की जीत से इंडिया गठबंधन में दरार के संकेत मिलते हैं?

सारांश

उपराष्ट्रपति पद पर एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत ने भाजपा सांसद बृजमोहन अग्रवाल को यह कहने पर मजबूर कर दिया कि यह केवल एनडीए की जीत नहीं, बल्कि इंडिया गठबंधन में असहमति के बढ़ते संकेत भी हैं। क्या यह सच में एक नई राजनीतिक दिशा का संकेत है?

Key Takeaways

  • सीपी राधाकृष्णन की जीत एनडीए के लिए महत्वपूर्ण है।
  • इंडिया गठबंधन में असहमति के संकेत मिले हैं।
  • बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि यह लोकतंत्र की जीत है।

नई दिल्ली, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति पद पर एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने इसे ना केवल एनडीए की जीत बताया, बल्कि विपक्षी इंडिया गठबंधन में बढ़ती असहमति और दरार का भी संकेत दिया।

बृजमोहन अग्रवाल ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "मैं सीपी राधाकृष्णन को, एनडीए परिवार को, और उन सभी को जो एनडीए में नहीं हैं, लेकिन जिन्होंने राधाकृष्णन को वोट दिया, उन्हें भी बधाई देता हूं। यह जीत केवल एनडीए की नहीं, बल्कि उन देशभक्तों की भी है जो अब पीएम मोदी के नेतृत्व पर भरोसा जता रहे हैं।"

अग्रवाल ने कहा कि राधाकृष्णन की जीत में कई सांसदों ने इंडिया गठबंधन की लाइन से हटकर वोट डाला, यानी क्रॉस वोटिंग की। उन्होंने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा।

उन्होंने कहा, "इंडिया गठबंधन केवल स्वार्थ का गठबंधन है। इसमें कई लोग केवल मजबूरी में शामिल हैं, लेकिन वे वास्तव में देशभक्त हैं, राष्ट्रवादी हैं और पीएम मोदी के नेतृत्व में देश का विकास चाहते हैं।"

भाजपा सांसद ने सीपी राधाकृष्णन की तारीफ करते हुए उन्हें भारतीय संस्कृति और मूल्यों का सच्चा प्रहरी बताया।

उन्होंने कहा, "राधाकृष्णन देशभक्त हैं, भारतीय संस्कृति और परंपराओं में आस्था रखने वाले नेता हैं। उनके नेतृत्व में राज्यसभा की कार्यवाही बेहतर चलेगी, संविधान की रक्षा होगी और राष्ट्रपति के साथ मिलकर वे देश की प्रतिष्ठा और सम्मान को नई ऊंचाई देंगे।"

अग्रवाल ने दावा किया कि विपक्ष के कई सांसद अब खुलकर पीएम मोदी और एनडीए की नीतियों में विश्वास जता रहे हैं।

उन्होंने कहा, "यह अच्छी बात है कि अब इंडिया गठबंधन के अंदर से भी नेता धीरे-धीरे मोदी सरकार पर भरोसा दिखा रहे हैं। वे अपने दल की राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में फैसले ले रहे हैं। यह लोकतंत्र की जीत है।"

Point of View

जो न केवल एनडीए के लिए, बल्कि विपक्ष के लिए भी एक संकेत है। यह दर्शाता है कि राजनीतिक दलों के बीच अब सहयोग से अधिक असहमति बढ़ रही है।
NationPress
28/10/2025

Frequently Asked Questions

राधाकृष्णन की जीत का मतलब क्या है?
यह एनडीए की जीत है और विपक्षी इंडिया गठबंधन में असहमति के संकेत भी हैं।
बृजमोहन अग्रवाल ने क्या कहा?
उन्होंने इसे केवल एनडीए की जीत नहीं, बल्कि देशभक्तों की जीत बताया।