क्या पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे गबन मामले में ईडी ने की कार्रवाई, 1.05 करोड़ की संपत्ति कुर्क की?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी की कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
- संजय चक्रवर्ती ने अपने पद का दुरुपयोग कर सरकारी धन का गबन किया।
- भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
गुवाहाटी, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय ने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के पूर्व वरिष्ठ अनुभाग अधिकारी (लेखा) संजय चक्रवर्ती और दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ धन शोधन के एक मामले में कार्रवाई की है।
ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), २००२ के तहत १.०५ करोड़ रुपए की चल संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की। यह कार्रवाई ५.१३ करोड़ रुपए की रेलवे निधि के गबन से संबंधित मामले में की गई है।
ईडी की जांच सीबीआई, एसीबी, गुवाहाटी द्वारा दर्ज एक एफआईआर पर आधारित है, जिसमें संजय चक्रवर्ती और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, १८६० और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, २०१८ के तहत आरोप लगाए गए थे। जांच में पता चला कि संजय चक्रवर्ती ने रेलवे के एकीकृत वेतन एवं लेखा प्रणाली (आईपीएएस) में हेराफेरी कर अपने पद का दुरुपयोग किया।
उन्होंने वास्तविक लाभार्थियों के बैंक खातों को बदलकर दो फर्मों इंटिमेट और आरसी कंप्यूटर सॉल्यूशन के खातों में २४ फर्जी बिलों के माध्यम से ५.१३ करोड़ रुपए हस्तांतरित किए। ये फर्म उनकी पत्नी और बेटी के नाम पर थीं, और कुछ राशि उनके निजी खातों में भी डाली गई।
इस अपराध से प्राप्त १.४३ करोड़ रुपए को संजय चक्रवर्ती ने तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वित्त प्रबंधक, उनके परिवार और रिश्तेदारों के साथ मिलकर हस्तांतरित किया। इस राशि को विभिन्न बैंक खातों में जमा कर चल संपत्ति, बीमा पॉलिसियों, घरेलू सामान और निजी खर्चों में इस्तेमाल किया गया।
ईडी ने अब तक इस मामले में कुल ३.४७ करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है, जिसमें पहले २.४२ करोड़ रुपए की कुर्की शामिल है। ईडी ने इस मामले में संजय चक्रवर्ती और उनके सहयोगियों के खिलाफ अभियोजन शुरू किया है और आगे की जांच जारी है।