क्या जीएसटी स्लैब में बदलाव से भारतीय बाजार को मिलेगा बढ़ावा?

सारांश
Key Takeaways
- जीएसटी स्लैब में दो मुख्य दरें लागू - 5% और 18%
- व्यापारियों को राहत मिलेगी
- घरेलू उत्पादों की कीमतें कम होंगी
- आर्थिक प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में कदम
- प्रधानमंत्री की वादे का पालन
भीलवाड़ा, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जीएसटी स्लैब में हाल ही में हुए बदलावों पर देशभर में चर्चा गर्म है। इस संदर्भ में भीलवाड़ा से भाजपा सांसद और लोकसभा के सचेतक दामोदर अग्रवाल ने जीएसटी सुधारों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे देश के व्यापारियों और आम जन के लिए एक बड़ी राहत बताया।
सांसद दामोदर अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी टैक्स स्लैब में अब दो मुख्य दरें (5 और 18 प्रतिशत) लागू करने का निर्णय ऐतिहासिक है। इसके कारण व्यापार करना आसान होगा और घरेलू बजट पर दबाव भी कम होगा। उन्होंने बताया कि इस निर्णय से न केवल व्यापारी वर्ग को राहत मिलेगी, बल्कि मध्यम वर्ग और गृहिणियों को भी इसका सीधा लाभ होगा, क्योंकि अनेक घरेलू उत्पाद अब सस्ते हो जाएंगे।
अग्रवाल ने कहा कि यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से किए गए वादे को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल द्वारा लिया गया यह निर्णय भारतीय अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाएगा।
सांसद ने आगे कहा कि यह निर्णय आर्थिक प्रणाली को सरल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में कुछ और महत्वपूर्ण फैसले भी लिए जा सकते हैं, जो व्यापार और आम जीवन को और भी सुगम बनाएंगे। इस परिवर्तन से देश की आर्थिक गति को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे सभी वर्गों को लाभ होगा।
दामोदर अग्रवाल ने कहा, "यह आगामी वैश्विक चुनौतियों के मद्देनजर भारतीय बाजार को बढ़ावा देगा और यह सुनिश्चित करेगा कि उपभोक्ता भविष्य में मजबूती से खड़े रह सकें।"
जब कुछ विपक्षी दलों ने इस बदलाव को ‘चुनावी स्टंट’ कहा, तब बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विपक्ष को न तो देश से मतलब है, न जनता से। उन्हें केवल अपने परिवार और निजी स्वार्थों की चिंता है।
बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कहा, "विपक्ष देश की तरक्की से बौखलाया हुआ है। उन्हें कोई भी जनहित का कार्य अच्छा नहीं लगता।"