क्या दिल्ली में रामलीला और दशहरा के चलते ट्रैफिक डायवर्ट होगा?

सारांश
Key Takeaways
- रामलीला और दशहरा का आयोजन 22 सितंबर से 3 अक्टूबर तक होगा।
- दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने विशेष यातायात डायवर्जन की योजना बनाई है।
- भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उपाय किए गए हैं।
- सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को प्राथमिकता दी जाएगी।
- लोगों को सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है।
नई दिल्ली, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के लालकिला मैदान में 22 सितंबर से 3 अक्टूबर 2025 तक रामलीला और दशहरा का भव्य आयोजन किया जाएगा। इस दौरान भारी संख्या में दर्शक लालकिला और उसके आसपास के क्षेत्रों में एकत्रित होंगे। भीड़ और यातायात दबाव को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने विशेष इंतजाम किए हैं ताकि यातायात सुचारू रूप से चल सके और लोगों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
इस आयोजन के दौरान नेताजी सुभाष मार्ग, दिल्ली गेट से छत्ता रेल चौक तक यातायात पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। शाम 5 बजे से रात 12 बजे तक डीटीसी बसें और अन्य व्यावसायिक वाहन डायवर्ट किए जाएंगे। इससे न केवल लालकिला और उसके आसपास के मार्गों पर भीड़ नियंत्रित रहेगी, बल्कि वाहन चालकों को भी मार्ग बदलने के लिए समय पर जानकारी मिल सकेगी।
पार्किंग के लिए भी विशेष इंतज़ाम किए गए हैं। बिना लेबल वाले वाहनों के लिए पार्किंग माधवदास पार्क, तिकोना पार्क, सुनेहरी मस्जिद, परेड ग्राउंड, दंगल मैदान, ओमैक्स मॉल और चर्च मिशन रोड में निर्धारित की गई है। वहीं, लेबलधारी वाहन अलग-अलग समितियों और आयोजकों के लिए विशेष रूप से निर्धारित क्षेत्रों में पार्क किए जाएंगे।
ट्रैफिक सेंट्रल रेंज डीसीपी निशांत गुप्ता ने जनता से विशेष अपील की है कि वे सड़क किनारे पार्किंग से बचें और अधिक से अधिक मेट्रो या सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि पुलिस के दिशा-निर्देशों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है ताकि न केवल आयोजन सुचारू रूप से संपन्न हो, बल्कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति से बचा जा सके।
इस वर्ष के रामलीला और दशहरा पर्व में न केवल भव्य मंच, रोशनी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी, बल्कि सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। दर्शकों के लिए सुरक्षा और सुविधा दोनों के लिहाज से ट्रैफिक पुलिस द्वारा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। यह आयोजन न केवल दिल्लीवासियों के लिए उत्सव का अवसर है, बल्कि शहर के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को भी दर्शाता है।