क्या आदित्य ठाकरे ने महायुति के मंत्रियों के बहिष्कार को महाराष्ट्र के लोगों का अपमान बताया?
सारांश
Key Takeaways
- आदित्य ठाकरे का बयान महायुति की आंतरिक समस्याओं को दर्शाता है।
- कैबिनेट बैठक का बहिष्कार जनता के प्रति अनादर है।
- स्थानीय निकाय चुनाव की राजनीति का असर गठबंधन पर पड़ सकता है।
मुंबई, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में सत्ताधारी गठबंधन महायुति के बीच चल रही खींचतान को लेकर अब विपक्षी दल भी सक्रिय हो गए हैं। इस संदर्भ में शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने महायुति की राजनीतिक स्थिति पर तंज कसा है।
आदित्य ठाकरे ने मंत्रियों द्वारा कैबिनेट बैठक का बहिष्कार करने को महाराष्ट्र के लोगों का अपमान बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि आज मिंधे परिवार के मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक का बहिष्कार किया। उनकी नाराजगी मुख्यमंत्री और भाजपा पर है, जो चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर पार्टी में फूट डालने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अपने स्वार्थ के लिए राज्य परिषद की बैठक का बहिष्कार करना महाराष्ट्र और उसकी जनता का अपमान है। कैबिनेट की बैठकें जनता की समस्याओं के समाधान के लिए होती हैं, न कि अपनी बकबक करने के लिए। यह स्थिति महाराष्ट्र के लिए चिंताजनक है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मंगलवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में शिंदे गुट के कई मंत्री अनुपस्थित रहे, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठने लगे। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
यहां तक कि गठबंधन नेताओं के बीच अनबन की खबरें भी चर्चा में आईं।
शिवसेना (शिंदे गुट) के नाराज मंत्रियों को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान आया है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के सभी मंत्री भले ही न आए हों, लेकिन कुछ मंत्री बैठक में शामिल रहे।
सूचना मिली है कि स्थानीय निकाय चुनाव की राजनीति और प्रेशर सिस्टम के कारण शिवसेना के कुछ मंत्री नाराज चल रहे हैं। माना जा रहा है कि यदि इन मंत्रियों की नाराजगी जल्द दूर नहीं की गई, तो गठबंधन के लिए आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ सकती हैं।