क्या जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की याचिका पर आज सुनवाई होगी?

Click to start listening
क्या जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की याचिका पर आज सुनवाई होगी?

सारांश

आज जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। इस सुनवाई में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जो जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों को प्रभावित कर रहे हैं। क्या यह याचिका सफल होगी? जानें पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की सुनवाई हो रही है।
  • याचिका में संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
  • केंद्र सरकार ने राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन दिया था।
  • अदालत ने स्पष्ट समय सीमा नहीं दी है।
  • राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल करने की बात की गई है।

नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा पुनर्स्थापित करने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने जा रही है।

वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई के समक्ष यह याचिका पेश की, जिन्होंने पुष्टि की कि इस मामले की सुनवाई 8 अगस्त (शुक्रवार) को होगी।

याचिकाकर्ता जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक ने याचिका में उल्लेख किया है कि राज्य का दर्जा पुनर्स्थापित करने में हो रही देरी जम्मू और कश्मीर के नागरिकों के अधिकारों को गंभीरता से प्रभावित कर रही है और इसके साथ ही यह संघवाद की अवधारणा का भी उल्लंघन कर रही है।

आवेदकों का तर्क है कि समयसीमा के भीतर राज्य का दर्जा न बहाल करना संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन है।

इसमें यह भी कहा गया है कि तत्कालीन सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आश्वासन दिया था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करेगी। हालांकि, अदालत ने इस बहाली के लिए कोई स्पष्ट समय सीमा निर्धारित नहीं की थी।

हालांकि, भारत के चुनाव आयोग को पुनर्गठन अधिनियम की धारा 14 के तहत जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव 30 सितंबर, 2024 तक कराने के लिए कदम उठाने का आदेश दिया गया था और कहा गया था कि राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाएगा।

पिछली सुनवाई के दौरान, एसजी मेहता ने अदालत को बताया था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय कोई विशिष्ट समय सीमा नहीं बता सकता और राज्य का दर्जा बहाल करने में कुछ समय लगेगा।

मई 2024 में, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को चुनौती देने वाली पुनर्विचार याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि रिकॉर्ड में कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है और मामले को खुली अदालत में सूचीबद्ध करने से मना कर दिया।

Point of View

बल्कि यह संघीय ढांचे को भी मजबूत करेगा। सम्पूर्ण देश की नजर इस मामले पर है और यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत क्या निर्णय लेती है।
NationPress
08/08/2025

Frequently Asked Questions

क्या जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस मिलेगा?
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के परिणामों पर निर्भर करेगा।
यह याचिका कब दायर की गई थी?
यह याचिका हाल ही में दायर की गई थी।