क्या उत्तर प्रदेश में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला खान पैन कार्ड मामले में दोषी पाए गए?
सारांश
Key Takeaways
- समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके बेटे को दोषी ठहराया गया है।
- उन्हें सात-सात साल की सजा सुनाई गई है।
- इस मामले में कानूनी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
- अब्दुल्ला आजम ने हाईकोर्ट में राहत की कोशिश की थी।
- कानून सभी के लिए समान है, चाहे व्यक्ति की स्थिति कुछ भी हो।
रामपुर, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को दो पैन कार्ड मामले में दोषी ठहराया गया है। रामपुर की अदालत ने सोमवार को अपना निर्णय सुनाते हुए आजम खान और उनके बेटे को दोषी करार दिया और दोनों को सात-सात साल की सजा सुनाई।
रामपुर की एमपी-एमएलए अदालत ने दो पैन कार्ड रखने के मामले में अभी सजा का ऐलान नहीं किया है, परंतु आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को कोर्ट कस्टडी में रखा गया है। जानकारी के अनुसार, इस मामले में आजम खान को 120बी के तहत आरोपी बनाया गया था।
इस मामले में 2019 में नगर विधायक आकाश कुमार सक्सेना ने मुकदमा दायर किया था। उन पर अब्दुल्ला आजम पर दो पैन कार्ड रखने का आरोप लगाया गया। फिलहाल, अब्दुल्ला आजम और उनके पिता आजम खान को इस मामले में सजा सुनाई गई है।
अब्दुल्ला आजम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का भी रुख किया था, लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली। उन्होंने हाईकोर्ट से इस मामले में ट्रायल की कार्यवाही को रद्द करने की गुहार लगाई थी। सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था और जुलाई में उनकी याचिका खारिज कर दी।
इसी महीने की शुरुआत में अब्दुल्ला आजम को पासपोर्ट से जुड़े मामले में भी कोर्ट से झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम के खिलाफ पासपोर्ट हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल के आरोप में दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया।
अब्दुल्ला आजम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जस्टिस सुंदरेश ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा था, "ट्रायल कोर्ट पर यकीन कीजिए। मामले को ट्रायल कोर्ट में तय होने दीजिए। अब जब ट्रायल पूरा हो गया है, तो हम दखल नहीं दे सकते हैं।"
वहीं, पिछले हफ्ते एक अन्य मामले में सपा नेता आजम खान को अदालत से राहत मिली। पुलिस उनके खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी। इसके बाद उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया। 2019 के लोकसभा चुनाव में तत्कालीन एसडीएम सदर पीपी तिवारी ने सपा नेता आजम खान के खिलाफ भड़काऊ भाषण का मामला दर्ज कराया था। यह मामला कोर्ट में विचाराधीन था。