क्या आप किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं, <b>जांच</b> होनी चाहिए?
सारांश
Key Takeaways
- पवन खेड़ा ने जेपी नड्डा के आरोपों की चुनौती दी।
- 2013 के नक्सली हमले पर निष्पक्ष जांच की मांग की गई।
- बेरोजगारी के मुद्दे को उठाया गया।
नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा 2013 के नक्सली हमले को लेकर किए गए दावों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों को बिना चुनौती दिए नहीं छोड़ा जा सकता है। इसी संदर्भ में, पवन खेड़ा ने जेपी नड्डा के दावों की निष्पक्ष जांच की मांग की।
जेपी नड्डा ने हाल ही में कहा था कि '2013 के नक्सली हमले में कांग्रेस के लोग शामिल थे।' इस पर पवन खेड़ा ने प्रश्न उठाया, "उस समय रमन सिंह की सरकार थी। क्या इसका मतलब यह है कि उनकी सरकार विफल हो गई?"
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में पवन खेड़ा ने कहा, "बारह साल बाद आप अब क्यों बोल रहे हैं? आप किसे बचाने या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं? इसकी जांच होनी चाहिए। जेपी नड्डा को इतने वर्षों से चुप क्यों रहना पड़ा? उनसे पूछताछ होनी चाहिए।"
उन्होंने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की ओर से बिहार सरकार की प्रशंसा पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "जब वह (शशि थरूर) दिल्ली लौटेंगे, तो मैं कुछ दिनों के लिए उनका चश्मा उधार लूंगा, ताकि बिहार को उनकी नजर से देख सकूं।"
राहुल गांधी के इस बयान पर कि 'भारत ने प्रोडक्शन चीन को सौंप दिया', पवन खेड़ा ने कहा, "पूरी दुनिया देख रही है कि यहां क्या हो रहा है। भाजपा के साथ हमारे विचारों में मतभेद किसी से छिपे नहीं हैं। हम उन्हें हर मंच पर सामने लाते हैं। हम इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कैसे चीन ने पूरे मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर कब्जा कर लिया है, जिसका सीधा असर भारत के बेरोजगार युवाओं पर पड़ रहा है। क्या यह मुद्दा उठाना गलत है? जब हम भारत के बेरोजगार युवाओं की चुनौतियों पर बात करते हैं तो भाजपा क्यों भड़क जाती है?"
बांग्लादेश की स्थिति पर पवन खेड़ा ने कहा, "वहां की स्थिति बहुत गंभीर है। मुझे उम्मीद है कि सरकार इस पर कड़ी नजर रखेगी और इसे संभालने के लिए सही रणनीति बनाएगी।"
नेशनल हेराल्ड मामले पर पवन खेड़ा ने कहा, "जैसा कि मैंने सोमवार को बताया था, एक बार फिर ईडी को कोर्ट में झटका लगा है। ईडी ने राउज एवेन्यू कोर्ट के तहत राहत के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उसे मना कर दिया गया। कोर्ट ने यह भी कहा कि ईडी और देश के इतिहास में यह पहला मामला है जो किसी आम नागरिक की शिकायत के आधार पर चलाया जा रहा है।"