क्या कर्नाटक से अयोध्या पहुंची श्री रामलला की विशेष रत्न जड़ित प्रतिमा का अनावरण जल्द होगा?
सारांश
Key Takeaways
- रामलला की रत्न जड़ित प्रतिमा की स्थापना अयोध्या में हो रही है।
- यह प्रतिमा कर्नाटक से लाई गई है।
- प्रतिमा का वजन लगभग 5 क्विंटल है।
- अनावरण समारोह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होगा।
- श्रद्धालुओं में इस प्रतिमा को देखने का भारी उत्साह है।
अयोध्या, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। राम मंदिर परिसर में रामलला की एक और अत्यंत विशेष और भव्य प्रतिमा की स्थापना की तैयारी चल रही है। यह कोई साधारण प्रतिमा नहीं है, बल्कि पूरी तरह से सोने, हीरे और रत्नों से जड़ी हुई है। इसे विशेष रूप से कर्नाटक में तैयार करके अयोध्या भेजा गया है।
भगवान राम की इस रत्न जड़ित प्रतिमा का आगमन और स्थापना मंदिर परिसर में नई ऊर्जा और भक्ति की भावना को और बढ़ाएगी।
जानकारी के अनुसार, इस प्रतिमा का वजन लगभग पांच क्विंटल है। इसकी ऊंचाई 10 फीट है, जबकि चौड़ाई 8 फीट है। इसे लाने की प्रक्रिया को बेहद सावधानी से अंजाम दिया गया ताकि कोई नुकसान न हो।
इस प्रतिमा को मंदिर परिसर के अंगद टीला के पास, संत तुलसीदास के मंदिर के समीप स्थापित किया जाएगा। इसका अनावरण समारोह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होगा और इसमें संत-महंतों के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। यह आयोजन न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि कला और शिल्पकला के लिहाज से भी खास है क्योंकि इस प्रतिमा का निर्माण दक्षिण भारत की पारंपरिक शिल्पकला से किया गया है।
श्रद्धालुओं और मंदिर प्रबंधन के लिए यह एक बेहद खास अवसर है। जैसे ही यह प्रतिमा परिसर में लाई गई, वहां की भीड़ और उत्साह देखने लायक था। प्रतिमा के सोने, हीरे और रत्नों की चमक ने सभी का ध्यान आकर्षित किया।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मीडिया व्हाट्सएप ग्रुप में भी इसकी जानकारी साझा की गई। ट्रस्ट ने बताया कि यह प्रतिमा भक्तों के लिए आस्था का एक बड़ा प्रतीक बनेगी। श्रद्धालु इसे देखने और दर्शन करने के लिए बेहद उत्साहित हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इस विशेष प्रतिमा के आगमन से मंदिर परिसर और भी भव्य और आकर्षक नजर आएगा।