क्या अपराधियों को संरक्षण देने वाले हर कानून को फाड़ देना चाहिए? : कांग्रेस नेता अभय दुबे

सारांश
Key Takeaways
- केंद्र सरकार ने नए विधेयक पेश किए हैं।
- अभय दुबे ने अपराधियों को संरक्षण देने वाले कानूनों को खत्म करने की बात की।
- बिहार की जनता अब जागरूक है और जवाब मांग रही है।
पटना, 20 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने संसद में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए हैं, जिनके अंतर्गत आपराधिक छवि वाले व्यक्तियों को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पदों से हटाने का प्रावधान है। कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर अभय दुबे ने बुधवार को कहा कि अपराधियों को संरक्षण देने वाले हर कानून को फाड़ देना चाहिए।
अभय दुबे ने कहा, "यह स्वाभाविक है। राहुल गांधी हमेशा से इसकी वकालत करते रहे हैं। कुछ लोग उनकी आलोचना करते थे, लेकिन अपराधियों को संरक्षण देने वाले हर कानून को फाड़ देना चाहिए। हम बिल का मूल स्वरूप देखने के बाद अपनी राय स्पष्ट करेंगे।"
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हुए हमले की दुबे ने कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। गृह मंत्री अमित शाह को कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और दोषियों पर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी घटनाएं बिल्कुल अस्वीकार्य हैं।"
उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में त्वरित और सख्त कदम उठाने की मांग की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आगामी 22 अगस्त को बिहार के गयाजी में प्रस्तावित यात्रा पर भी दुबे ने तंज कसा। उन्होंने कहा, "2015 में पर्यावरण चेतना सम्मेलन में आए थे, लेकिन अब विश्वविद्यालय के लिए सैकड़ों पेड़ काट दिए गए। यह कैसी पर्यावरण चेतना है? बोधगया को आध्यात्मिक राजधानी बनाने का वादा किया था, उसका क्या हुआ? बिहार की जनता पूछ रही है कि सवा लाख करोड़ के पैकेज का क्या हुआ? 50 यात्राओं में बिहार को क्या मिला? प्रवेश और भर्ती परीक्षा घोटाले, 70 हजार करोड़ रुपए का घोटाला, और बिहार को केवल एसआईआर का दंश मिला।”
कांग्रेस नेता ने केंद्र और बिहार सरकार पर विकास के वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया और जनता से सवालों के जवाब मांगने की अपील की। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब जागरूक है और सरकार को जवाब देना होगा।